तमिलनाडु के मुख्य सचिव बर्खास्त, लोकसेवकों को ईमानदार होने की जरूरत
डॉ. चन्दर सोनाने
तमिलनाडु के मुख्य सचिव पी. राम मोहन राव के घर एवं दफ्तर सहित 14 ठिकानों पर हाल ही में आयकर विभाग ने छापा मारा। छापों से 18 लाख रूपये के नोट और 2 किलो सोना बरामद हुआ। इसके बाद राज्य सरकार ने मुख्य सचिव को बर्खास्त कर दिया हैं। देश के तत्कालीन गृह मंत्री श्री सरदार पटेल को वर्तमान आईएएस और आईपीएस सेवा को स्थापित करने का श्रेय जाता हैं। उन्होंने इन्हें लोक सेवकों के रूप में काम करने और अपने कार्य एवं व्यवहार से निचले स्तर तक ईमानदारी और सादगी का संदेश देने की अपेक्षा की थी। वह अब धूल दुसरित होती दिखाई दे रही हैं।
तमिलनाडु के मुख्य सचिव का संबंध वहां के राज्य के खनन कारोबारी शेखर रेड्डी से जुडा हुआ पाया गया । सीबीआई ने दो दिन पहले ही उन्हें गिरफ्तार किया था। आयकर विभाग ने पिछले दिनों रेड्डी के और उनके भाईयों के अनेक ठिकानों पर छापे मारकर 136 करोड़ रूपये के नए और पुराने नोट तथा 177 किलो सोना जब्त किया था। प्रशासनिक और पुलिस के आला अफसरों पर अपराधियों से सांठ गांठ की अनेक कहानी सुनाई में आती हैं। पहले ऐसा नहीं होता था, या कम था। किंतु धीरें - धीरे अब इसमें तेजी और बढ़ोतरी होती जा रही हैं। हर राज्य से इस संबंध में आए दिन नई नई कहानी सुनने में आती हैं।
यह सामान्यतः माना जाता हैं कि ईमानदारी और बेईमानी ऊपर से नीचे की और जाती हैं। शीर्ष पदो पर बैठे अधिकारी यदि तय कर लें कि उन्हें बिना दबाव में आए निष्पक्ष रूप से अपना कार्य करना हैं तो कोई कारण नहीं कि सब कुछ शांती पूर्वक और व्यवस्थित चलता रहें । किंतु वरिष्ठ पदों पर पदस्थ अधिकारी और अधिक उच्च पद और मलाईदार पद प्राप्त करने के लालच में राजनैतिक सांठ गांठ में फंस जाते हैं। इसके ऊपर अपराधियों और भ्रष्ट व्यक्तियों के साथ उनकी दोस्ती नए नए गुल खिलाती हैं।
एक विद्वान ने कहा हैं कि ईमानदार होना ही जरूरी नहीं हैं। ईमानदार दिखाई भी देना चाहिए। यह ईमानदारी व्यक्ति अपने आचरण और व्यवहार से प्रदर्शित करता है। सादा जीवन और उच्च व्यवहार वाली भावना अब धीरे धीरे खत्म होती जा रही हैं। हमेशा मलाईदार पदों पर बने रहने के लिए अधिकारी भ्रष्ट तरीकें अपनाते हैं। और उसी कारण से भ्रष्टाचार दिन दुनी रात चौगुनी गति से बढ़ता हैं। अब हालात ये हो गए हैं कि भ्रष्टाचार षिष्टाचार बन गया है।
तमिलनाडु का उदाहरण एक बानगी हैं। देश के भिन्न राज्यों में वर्तमान में उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारी अपने कार्य और व्यवहार के कारण आए दिन चर्चा में आते रहते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से यह अपेक्षा सहज ही की जा सकती हैं कि वे इस दिशा में भी ध्यान देंगे और ठोस कार्य कर दिखाएंगे। उनसे अपेक्षा इसलिए भी की जा सकती हैं कि उनका अपना कोई परिवार नहीं हैं। उनके भ्रष्ट होने की संभावना अन्य की तुलना में नगण्य हैं। प्रधानमंत्री से इसलिए भी अपेक्षा की जा सकती हैं कि उन्होंने बहुत साहस करके देश में भ्रष्टाचार और काला बाजारी खत्म करने के लिए देश में नोटबंदी का आदेश लागू किया हैं। हालांकि नोटबंदी के नियमों और निर्देशों में बार बार बदलाव से आमजन परेशान भी हो रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री के पाक उद्ेश्य से इनकार नहीं किया जा सकता । इसके लिए यह भी जरूरी हैं कि लोक सेवकों को इतना अच्छा वेतन एवं सुख सुविधाएँ दी जाए कि वे बेईमान बनने की और प्रवृत्त ही न होने पायें। आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री इस और भी ध्यान देकर इस नासूर को खत्म करने की ठोस पहल करेंगे।