भारत पाक सीमा पर बही आध्यात्मिक ज्ञान की अविरल धारा
भारत पाक सीमा पर देश भक्ति गीतों से गूंजा आकाश
पाकिस्तानियों ने भी लिया आध्यात्मिक ज्ञान का आनंद
भारत पाक सीमा पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने करवाया राष्ट्रीय आराधन कार्यक्रम
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा फाजिल्का, पंजाब की भारत-पाक सीमा पर सैनिकों में ‘राष्ट्रीय आराधन’ बोध
प्राचीन संस्कृति तथा विविधतायों से परिपूर्ण देश भारत ‘जगतगुरु’ कहलाता है। यह कहावत तभी सार्थक कही जा सकती है जब हमारे जवान तथा किसान सही दिशा में आगे बढ़ते हुए हर प्रकार से सुरक्षित हों। विश्व शान्ति के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने भारत-पाक सीमा पर सैनिकों का सम्बोधन व उद्बोधन किया। संस्थान के संस्थापक एवं संचालकसर्व श्री आशुतोष महाराज जी के मार्ग दर्शन में समाजमें सामाजिक व आध्यात्मिक जाग्रति लाने में संस्थान संलग्न है।
हाल ही मेंफाजिल्का (पंजाब) के भारत-पाक सीमा पर सुलेमान की नामक स्थान पर ‘राष्ट्रीय आराधन’ नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी गरिमा भारती जी तथा अन्यानेक साधु-संतों ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए न केवल आध्यात्मिक प्रवचन रखे बल्कि देश भक्ति की भावना से ओत प्रोत संगीत, भजन कीर्तन की मंगल ध्वनि से आकाश तक को गुंजायमान कर दिया। न केवल भारतीय सैनिकों ने बल्कि सीमा पर केन्द्रित पाक सैनिकों ने भी पूर्ण ध्यान व अनुसाशन के साथ इन भजनों व प्रवचनों को श्रवण किया।
सैनिकों की सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिए ईश्वर के चरण कमलों में सामूहिक प्रार्थना अर्पित की गई। इस प्रार्थना से देश सेवा के लिए समर्पित सभी सैनिक भाव विभोर हो उठे। बी.एस.एफ. के कमाडिंग आफिॅसर श्री एम.पी.सिंह इस आयोजन के सम्मानित मुख्य अतिथि थे। साध्वी गरिमा भारती जी ने अपने उद्बोधन में इस बात पर बल दिया कि भारतीय सैनिक विश्व शान्ति तथा सुख समृद्धि के लिए कार्यरत रहते हैं परन्तु देश को कमजोर करने की कोई भी कोशिश यदि भीतर या बाहर से होती है तो वे पूर्ण शक्ति तथा साहस से उसका उत्तर देने में सक्षम हैं।
सैनिकों तथा साधारण नागरिकों ने मिलकर भारतीय ध्वज आरोहण किया तथा देश भक्ति के गीतों से दसों दिशाएँ गुंजायमान हो उठी। हवा में तिरंगे ध्वजों ने सीमा के दोनो ओर के लोगों का मन मोह लिया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने एक बार फिर साधारण आदमी के हृदय को स्पर्श कर लिया तथा सैनिकों के हृदय में भी नए उत्साह को उद्रेक किया।