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फोरलेन की फांस!


 

(शरद खरे)

शेरशाह सूरी के जमाने की सड़क जो अब फोरलेन का हिस्सा बन चुकी है पर से सारी बाधाएं हटने के बाद भी इसके कुछ हिस्से को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क प्राघिकरण (एनएचएआई) के द्वारा मोटरेबल (वाहनों के चलने योग्य) न बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण ही माना जायेगा।

उल्लेखनीय होगा कि 2008 के विधानसभा चुनावों के दर्म्यान ही सड़क के इस हिस्से का काम अवरूद्ध करने के षणयंत्र का ताना बाना बुना गया था। आठ साल बीतने को आये पर सड़क के विवादित हिस्से में फोरलेन बनने का काम तो दूर इस हिस्से को वाहनों के चलने योग्य भी नहीं बनाया जा रहा है।

इस मामले में सांसद विधायकों की उदासीनता भी आश्चर्यजनक ही मानी जायेगी। यह मामला सीधे सीधे केंद्र सरकार के अधीन है। एनएचएआई केंद्र सरकार के अधीन है। इस लिहाज़ से सांसद को पूरा अख्तियार है कि वे इस मामले में दखल दे सकते हैं। देश में नरेंद्र मोदी के नेत्तृत्व में भाजपा की सरकार है। सिवनी के दोनों सांसद भी भाजपा के ही हैं, तब क्या समस्या है यह बात सिवनी के निवासियों के लिये समझ से परे ही है।

बोध सिंह भगत के संसदीय क्षेत्र में मोहगांव से खवासा तक तो केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन ंिसंह कुलस्ते के संसदीय क्षेत्र में बंजारी घाट में सड़क निर्माण का काम आरंभ नहीं हो सका है। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मंत्री बनने के बाद कई मर्तबा इस सड़क से होकर गुजर चुके हैं।

केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गड़करी पड़ोसी नागपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद हैं। उनके अनेक समर्थक सिवनी में भी हैं, बावजूद इसके सड़क के विवादित हिस्से में काम आरंभ नहीं हो पाया है। आज नागपुर आना जाना करने वाले मजबूरी में छिंदवाड़ा होकर आना जाना कर रहे हैं।

 

2014 में विधायक बनने के बाद सिवनी के निर्दलीय विधायक दिनेश राय के द्वारा बंजारी घाट की बाधाएं हटने की बात कही गयी थी। वास्तव में ये बाधाएं दिसंबर 2013 में ही हट चुकी थीं। एनएचएआई की कच्छप गति के कारण तीन सालों बाद भी इसका निर्माण आरंभ नहीं हुआ।

अब मोहगांव से खवासा के बीच की बाधाएं हटने की बात कही जा रही हैं। एनएचएआई की मंथर गति जारी रही तो 2020 तक शायद ही यह काम पूरा हो पाये। वहीं, खवासा से नागपुर तक के सड़क निर्माण का काम जिस तेज गति से चल रहा है वह देखते ही बनता है।

कुल मिलाकर सिवनी के सांसद विधायकों में इच्छा शक्ति की कमी के चलते ही यह महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण का काम बहुत ही धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। इसके चलते इसका भोगमान आम जनता भोग रही है। सांसद विधायक अगर ईमानदारी के साथ दिलचस्पी लें तो शायद यह काम खवासा से नागपुर या छिंदवाड़ा जिले की तर्ज पर जल्द संपन्न हो सकता है।

 

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