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शक्ति संपन्न धर्माचार्य थे आचार्य तुलसी- मुनि रमेश कुमार



उज्जैन। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा एवं तेरापंथ युवक परिषद के
संयुक्त तत्वावधान में आचार्य श्री तुलसी का 103वाॅ जन्म दिवस अणुव्रत
दिवस के रूप में मुनिश्री रमेश कुमार के सान्निध्य में नयापुरा स्थित जैन
ओसवाल भवन में समारोह पूर्वक मनाया गया। इस समारोह में दिगम्बर परम्परा
के संत शिवदत्त सागर भी उपस्थित थे। नयापुरा सकल जैन समाज बड़ी संख्या में
उपस्थित हुआ।
संयोजक राकेश कुमार प्रदीप कुमार के अनुसार इस अवसर पर विशाल धर्म सभा को
संबोधित करते हुए मुनि रमेश कुमार ने कहा संसार में सुधारस की वर्षा करने
वाले अनेक महापुरुष हुए हैं। उन्होंने अपनी साधना से सारे विश्व को
ज्ञानरुपी आलोक से आलोकित किया। ऐसे महान संतों में एक शक्तिशाली
धर्माचार्य हुए है आचार्य श्री तुलसी। बीसवीं शताब्दी के वे शिखर पुरुष
थे। आपने युगीन समस्याओं को समाहित करने के लिए अहिंसा, प्रशिक्षण,
अणुव्रत, प्रेक्षा ध्यान और जीवन विज्ञान जैसे लोक कल्याणकारी अवदान
दिये। उज्जैन की इस परम पावन धरा पर आचार्यश्री ने सन् 1955 का चातुर्मास
प्रदान किया। उसी चातुर्मास में जैन आगमों का शोधपूर्ण सम्पादन का श्री
गणेश यही से हुआ। कुशल साधना का शुभारंभ भी यही से हुआ। दिगम्बर संत
शिवदत्तसागर ने अपने प्रभावी प्रवचन शैली में कहा आचार्यश्री तुलसी सभी
धर्म संप्रदाय को साथ लेकर चले। जैन एकता के लिए कार्य किया। संत किसी भी
परम्परा के हो वे आत्मा और धर्म की ही बात करेंगे। आचार्य तुलसी जैसे
संतों से ही धर्म की संस्कृति सुदृढ होती है। मुनि हेमराज ने आचार्य
तुलसी के ’अशान्त विश्व को शान्ति का संदेश’ का पूरे विश्व में सम्मान
दिया गया था उस घटना को अपने भावों में प्रस्तुति दी। इस समारोह में
क्षुल्लक चन्द्रदत्त सागर, कोमल दीदी भी उपस्थित हुए। इससे पूर्व इस
समारोह का शुभारंभ मुनिश्री रमेश कुमार के द्वारा नमस्कार महामंत्र के
उच्चारण से हुआ। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा डाॅ. वीरबाला छाजेड़ ने
तुलसी अष्टकम से मंगलाचरण किया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष संजय मेहता ने
सभी संतों का स्वागत परिचय देते हुए आचार्य तुलसी के अवदानों की जानकारी
दी। तेरापंथ युवती मंडल ने सामूहिक गीत की प्रस्तुति की। उज्जैन
ज्ञानशाला बच्चों ने नृत्य के साथ आकर्षक गीत पेश किया। जिसे संगीता और
सरोज आंचलिया ने तैयारी कराई। एडवोकेट बाबूलाल मेहता ने अणुव्रत दर्शन पर
विचार व्यक्त किये। रक्षा, पारु, प्रीती पीपाड़ा, अनिता मेहता ने भक्ति
पूर्ण गीत प्रस्तुत किये। इस अवसर पर पवन बोहरा, अभय मेहता, सुशील
गिरीया, राजेश चपलोत, प्रकाश सूर्या, हीराचंद छाजेड़, सुनील चपलोत, प्रकाश
गादिया, रजत मेहता, नरेन्द्र धाकड़, मुकेश रांका सहित जैन समाज के लोग बड़ी
संख्या में उपस्थित हुए। समारोह को सफल बनाने में तेरापंथ सभा, तेरापंथ
युवक परिषद् एवं रुपचंद पीपाड़ा परिवार का उल्लेखनीय सहयोग मिला।
सभाध्यक्ष संजय मेहता व ईश्वर पटेल ने संचालन किया। समारोह के पश्चात
अर्जुन सोनी ने रुपचंद का साफा बांधकर व हार पहनाकर सम्मान किया।

 

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