ओलम्पिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडियों को रेलवे दे रहा है सहायक ग्रेड के वेतनमान पर नौकरी का ऑफर, निम्न पद पर नौकरी देकर रेलवे कर रहा है खिलाडियों का अपमान
संदीप कुलश्रेष्ठ
हाल ही में उत्तर पश्चिम रेलवे और पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ने वर्ष 2016-17 के खेलकूद कोटे के अंतर्गत खिलाडियों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला हैं। इसमें सहायक ग्रेड पद के समकक्ष वेतनमान 5200-20200 रूपये ़ ग्रेड पे 2000 और ग्रेड पे 2800 पर जिन खिलाड़ियों को नौकरी के लिए बुलावा दिया जा रहा हैं, उनकी निम्नतम योग्यता देखकर आश्चर्य होता हैं। आवेदक खिलाड़ियों को ओलम्पिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करना अनिवार्य हैं, अथवा उसने विभिन्न खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम से कम कास्यं पदक प्राप्त किया हो। इतने कम वेतनमान में उच्च स्तर के खिलाडियों को नौकरी के लिए बुलावा देकर रेलवे खिलाडियों का अपमान कर रहा हैं। कैसे यह खेल रेलवे विभाग खेल रहा हैं। आईये , देखे पड़ताल करती हुई पूरी कहानी।
उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार तीरंदाजी,एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, क्रॉस कंट्री, पावर लिफ्टिंग, शूटिंग, कुश्ती के पदो के लिए पुरूष और महिला खिलाड़ियों से आवेदन बुलाए गए हैं। इसी प्रकार पूर्वोत्तर सीमा रेलवे द्वारा एथलेटिक्स , बैंडमिंटन, बॉस्केटबॉल, क्रिकेट, साइक्लिंग, फुटबॉल, बॉलीबॉल के पदो के लिए पुरूष और महिला खिलाड़ियों से आवेदन बुलाए गए हैं। इन पदो के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक और खेलकूद उपलब्धियों में ओलम्पिक खेलों में देश का (सीनियर कैटेगरी में ) प्रतिनिधित्व किया हों। अथवा शैक्षणिक योग्यता 12 वीं उत्तीर्ण हो और विश्व कप (जूनियर/सीनियर कैटेगरी) / विश्व चैंपियनशिप (जूनियर/सीनियर कैटेगरी), एशियाई खेल (सीनियर कैटेगरी)/राष्ट्रमंडल खेल(सीनियर कैटेगरी ) में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए कम से कम तीसरा स्थान प्राप्त किया हों। अर्थात कम से कम कांस्य पदक प्राप्त किया हो। ऐसे खिलाडी जिन्होंने उक्त उपलब्धियां हासिल की हों वे उक्त पदो के लिए आवेदन करने के लिए पात्रता रखते हैं।
आश्चर्य की बात हैं कि ऐसे उच्च स्तर पर खेलने वाले खिलाडियों के लिए जो वेतनमान दिया जा रहा हैं, वह केंद्र में सहायक ग्रेड 2 और सहायक ग्रेड 1 के वेतनमान के समकक्ष हैं। इन्हें जो वेतनमान प्राप्त होगा ,वह इस प्रकार हैं - ग्रेड पे 2000 के वेतनमानों वालों को 19710 रूपये और ग्रेड पे 2800 के वेतनमान वाले को 21750 रूपये मात्र प्राप्त होंगे। यह खिलाडियों का अपमान नहीं तो क्या हैं ? इतने कम वेतनमान पर वे अपने खेल के अनुरूप साधन सुविधाओं को कैसे कर सकेंगे ये समझ से परे हैं। खिलाडियों के खान -पान का भी महत्व होता हैं। रेलवे की यह बात समझ से परे हैं कि इतने कम वेतनमान में खिलाड़ी कैसे अपने डाइट को संतुलित रख पाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में कांस्य पदक प्राप्त करने वाले और ओलम्पिक खेलों में देश का प्रतिनिधत्व करने वालों को इतने निम्न पद पर नौकरी देने के लिए इनको बुलाकर रेलवे इन खिलाडियों का खुलेआम अपमान कर रहा हैं।
इतना ही नहीं, इनका चयन भी इतना आसान नही हैं। खिलाड़ियों द्वारा आवेदन करने पर खिलाड़ियों से संबंधित खेलों में उनकी उपलब्धियाँ , सामान्य बुद्धिमता, व्यक्तित्व, खेल कौशल , फिजीकल फिटनेस और कोच तथा ट्रायल कमेटी द्वारा ट्रायल में उनके आंकलन पर आधारित होगा। सभी खिलाड़ियों को ट्रायल के लिए बुलाया जाएगा। और ट्रायल के बाद फिर खिलाड़ियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। इसके बाद उच्च स्तर कि इन खिलाडियों को निम्न स्तर के वेतन के लिए चुना जाएगा। ये है रेलवे का खिलाडियों के प्रति दृष्टिकोण और सम्मान।
देश के संवेदनशील रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु से अपेक्षा हैं कि वे रेलवे विभाग की इस अंधेरगर्दी पर तुंरत प्रभाव से रोक लगाते हुए खिलाडियों के वेतनमान में सुधार करें । और उन्हें कम से कम प्रथम श्रेणी के सम्मानजनक वेतनमान में नियुक्ति देने के लिए तुरंत ठोस पहल करें, ताकि खिलाड़ियों का अपमान न हो, बल्कि उन्हें खेल से निवृत्ति के बाद सम्मानजनक पद एवं वेतनमान पर जीवनयापन करने का सुअवसर मिल सकें ।