महामृत्युंजय मासक्षमण तपस्या पूर्ण होने पर निकला वरघोड़ा
उज्जैन। प.पू. साध्वीवर्या सूर्यकांता श्रीजी म.सा. एवं 26वें वर्षीतप की तपस्वीरत्ना प.पू. निर्मलगुणाश्रीजी म.सा. की प्रेरणा से कुसुम नरेन्द्र जैन के महामृत्युंजय मासक्षमण के पूर्ण होने पर तपस्वी का वरघोड़ा निकाला गया।
तपस्वी का वरघोड़ा खाराकुआ स्थित श्री चिंतामणी पाश्र्वनाथ जैन मंदिर से निकलकर महावीर जैन धर्मशाला रंगमहल पहुंचा। धर्मशाला पहुंचकर चल समारोह धर्मसभा में परिवर्तित हुआ। वरघोड़े में प.पू. तपस्वीरत्ना 26वें वर्षीतप की आराधिका निर्मलगुणाश्रीजी म.सा., प.पू. चारूवर्षा श्रीजी म.सा., प.पू. चारूवंदनाश्रीजी म.सा., बाल साध्वी प्रितवर्षाश्रीजी म.सा., प.पू. लब्धिवर्षाश्रीजी म.सा. आदिठाणा भी शामिल हुए। नरेन्द्र भागमल जैन, नितेश जैन एवं नरेन्द्रकुमार जैन के अनुसार कार्यक्रम के अंत में समाजजनों का स्वामीवात्सल्य आयोजित हुआ।