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जो सदा रहता है उसे खोजो - स्वामी परमानंद जी



उज्जैन। युग पुरूष महामंडलेश्वर श्री स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज दो दिवसीय यात्रा पर चारधाम मंदिर पधारे। जहां मंगलाचरण के बीच गुरूवर के शिष्य महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंदगिरि जी महाराज एवं अन्य शिष्यों ने अभिवादन किया।
वेदांत और सत्य पर आर्शीवचन देते हुए गुरूवर ने कहा जो सदा रहता है उसे खोजो। चेतन्यता हमेशा बरकरार नहीं रहती सजगता सदा रहती है। ध्यान लगा लो क्या उसको आप टिका सकते हैं। कुछ चीजें ज्याद स्थाई रहती हैं। आपके द्वारा बनवाया गया मकान कुछ ज्यादा समय तक रह सकता है परंतु सदा नहीं रहेगा। मिट्टी हमेशा कायम रहती है। धर्म ग्रंथ पहाड़ के समान है। जिस प्रकार हीरे की खदान से हीरे कम मिट्टी पत्थर ज्यादा निकलते हैं, उन मिट्टी और पत्थरों से हीरे बहुत कम मात्रा में निकलते हैं। ठीक उसी प्रकार धर्म ग्रंथ का सार संतों के सानिध्य में ही मिलता है। स्वामी जी के आर्शीवचन के पूर्व स्वामी जी का स्वागत ट्रस्ट के रमेशचंद्र मित्तल, ओमप्रकाश अग्रवाल, सुरेश आहूजा, घनश्याम पहावा, डा. मोहन गुप्त, डा. सुशील गुप्ता, विष्णू शर्मा, राकेश उपाध्याय, पं. रामलखल शर्मा, नंदलाल शर्मा सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने पुष्पमाला से स्वामी जी का स्वागत किया। स्वागम भाषण ओमप्रकाश अग्रवाल ने तथा संचालन अशोक प्रजापत द्वारा किया गया।
एक अगस्त को प्रात: ९.३० बजे गुरूजी भक्तों के  प्रश्नों और शंकाओं का समाधान करेंगे। इसके पश्चात शिष्यों द्वारा पादपूजन किया जाएगा। दोपहर को गुरूजी रेल मार्ग द्वारा उज्जैन से झांसी के लिए प्रस्थान करेंगे। उपरोक्त जानकारी मीडिया प्रवक्ता राजेश करै द्वारा दी गई।

 

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