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फिर चली बीजेपी की लहर, पूर्वाेत्तर असम में भी खिला कमल, अन्य राज्यों में भी बनाई बढ़त


पांच राज्यों के चुनावों के परिणाम आने के बाद बीजेपी खुशी से फुली नहीं समां रही है. उसकी वजह ये है की कांग्रेस के हाथ से केरल और असम जैसे राज्य निकल गए, जिससे पीएम नरेंद्र मोदी का कांग्रेस मुक्त का सपना पूरा होता जो नजर आ रहा है. इन पांच राज्यों में से बीजेपी सिर्फ असम में जीत दर्ज करा पाई है, लेकिन पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु में बीजेपी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करने के साथ-साथ अपने वोट प्रतिशत में अच्छी खासी बढ़ोतरी भी की है.

कई राज्यों में बीजेपी की सरकार 
देश के मानचित्र पर गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, गोवा में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार है और महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और आंध्रप्रदेश में गठबंधन की सरकार है. हालांकि जम्मू-कश्मीर, पंजाब और आंध्रप्रदेश में दूसरे दलों के मुख्यमंत्री हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के पास कर्नाटक, मणिपुर, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नागालैंड में सरकार है. जिसमे से सिर्फ कर्नाटक ही बड़ा राज्य है बाकी सब छोटे राज्य हैं.

चुनाव के नतीजों के बाद देशभर में कांग्रेस का वोट प्रतिशत घटकर 6.5 प्रतिशत रह गया है. और दूसरी तरफ बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़कर 36.5 प्रतिशत हो गया है.

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से भी ज्यादा उम्मीद नहीं 
पीएम मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना इसलिए भी कई बार पूरा होता दिखाई देता है की कांग्रेस को 2019 तक अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं हैं. 2017 में यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने हैं. यूपी में कांग्रेस के जीतने की बहुत कम उम्मीदें हैं. पंजाब में बादल सरकार के खिलाफ माहौल तो है, लेकिन वहां पर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से ज्यादा मजबूती से अकाली दल को टक्कर दे रखी है. उत्तराखंड में कांग्रेस की स्थिति अभी क्या है वो किसी से छिपी हुई नहीं है और चुनाव का दारोमदार हरीश रावत के कंधे पर होगा वो भी जब कांग्रेस के कई बागी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. और गुजरात में बीजेपी की तोड़ के लिए कोई बड़ा चेहरा नहीं है.

2018 में चार राज्यों में चुनाव 
2018 में चार बड़े राज्यों के चुनाव होने है. सबसे पहले कर्नाटक में चुनाव होंगे यहां पर बीजेपी सिद्धारमैया के सामने अपने सबसे बड़े चेहरे येदियुरप्पा को उतारने वाली है. जेडीएस के मुकाबले में रहने से फायदा बीजेपी को होगा ये सब जानते हैं. साल के अंत में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी चुनाव होने हैं. मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता के सामने कांग्रेस का कोई भी नेता टिके ऐसा दूर-दूर तक नहीं दिखाई देता. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आपसी लड़ाई में ही उलझी हुई है ऐसे में चुनाव जितना दूर की कोड़ी है. राजस्थान से कांग्रेस को थोड़ी बहुत उम्मीद जरूर है लेकिन वसुंधरा राजे को हारना कांग्रेस के लिए इतना आसान भी नहीं है.

मोदी के नेतृत्व में बीजेपी बढ़ती आगे 
अब लगता है की 1980 के दशक में कांग्रेस जिस तरह से लोकसभा में भी पूर्ण बहुमत की सरकार थी और देश के आधे से ज्यादा राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थी. आज पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी उस स्थिति में पहुंच गई है. पीएम मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत बनाने सपने को पूरा करने में कई क्षेत्रीय दल भी प्रत्यक्ष रूप से ना सही लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर रहे हैं.

गुरुवार के चुनावी नतीजों से एक और रोचक तथ्य सामने आया...
लेकिन गुरुवार के चुनावी नतीजों से एक और रोचक तथ्य सामने आया है... बीजेपी वहां जीत रही है, जहां उनका मुकाबला सीधे कांग्रेस से है, लेकिन वहां उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा, जहां किसी क्षेत्रीय या गैर-कांग्रेस पार्टी से टक्कर हुई... तमिलनाडु में जयललिता की एडीएमके, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और केरल में वाममोर्चा एलडीएफ इसके उदाहरण हैं...

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और बिहार में नीतीश कुमार के खिलाफ मिली हार का पैटर्न भी मिलता-जुलता था, और साबित करता है कि बीजेपी को क्षेत्रीय पार्टियों के खिलाफ जीत हासिल करने का फॉर्मूला ढूंढना होगा, जिनके कब्ज़े में इस वक्त 11 राज्य और 41 फीसदी आबादी है...

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