नेपाल घूमने आई और उज्बेकिस्तान की युवती वीना वीजा के भोपाल में पकड़ाई
भोपाल. बगैर वीजा लिए भोपाल पहुंची उज्बेकिस्तान की एक महिला को मिसरोद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह छह महीने पहले घूमने के लिए नेपाल पहुंची थी। नेपाल के एक रेस्टोरेंट में काम कर कुछ पैसे जुटाए और फिर गोरखपुर के रास्ते बिना वीजा के दिल्ली आ गई। यहां पता चला कि भारत में घूमने के लिए वीजा जरूरी है।
उजबेक
युवती का नाम है बारनो
उजबेकिस्तान
देश की रहने वाली 35 साल की बारनो। वहां उसके पिता सरकार के एक विभाग में इलेक्ट्रिशियन
थे। दो साल पहले उनकी मौत के बाद बारनो ने एक फूड प्लाजा में काम करना शुरू कर दिया।
बातचीत में बारनो ने बताया कि दिल्ली से उसने उज्बेकिस्तान के अपने दोस्त को फोन कर
वीजा बनवाने के लिए मदद मांगी। दोस्त ने उसे दिल्ली के विश्वास सरकार से मिलने को कहा।
वह दिल्ली में एक गेस्ट हाउस चलाता है। विश्वास से उसकी मुलाकात चांदनी चौक में हुई।
यहां विश्वास ने कहा कि वह भोपाल पहुंचे। वहां से उसका वन साइड वीजा बनवा देगा। दो
दिन पहले बारनो भोपाल आ गई। विश्वास ने उसे जाटखेड़ी में रहने वाले अपने दोस्त के मकान
में रुकवाया। बुधवार को उसे वन साइड वीजा बनवाने के लिए डीआईजी ऑफिस स्थित जिला विशेष
शाखा (डीएसबी) के दफ्तर भेजा।
एसपी से मिली और हो गई एफआईआर
टीआई केएस
मुकाती के मुताबिक डीएसबी में उसने अपने पास वीजा न होने की जानकारी दी। ये भी बताया
कि वह करीब 15 दिनों से बगैर वीजा के भारत में है। डीएसबी के स्टाफ ने महिला को एसपी
हेडक्वार्टर अनिल महेश्वरी से मिलवाया। बगैर वीजा के भारत में घूमना फॉरेन एक्ट की
धारा 14 के तहत अपराध है। इसलिए महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गुरुवार दोपहर उसे कोर्ट
भेजा गया। यहां से अदालत ने उसे 24 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
घर में है सिर्फ मां
बारनो ने
बताया कि मैं कोई अपराधी नहीं। पिता की मौत के बाद घर के आर्थिक हालत ठीक नहीं थे मां
भी बुजुर्ग हो चुकी है। इसलिए मुझे ताशकंद के एक रेस्टोरेंट में काम करना पड़ा। मां
को कुछ पैसे देकर छह महीने पहले मैं नेपाल घूमने के लिए निकल गई। यहां एक महीने का
वीजा लिया। फिर पैसे खत्म हुए तो यहां के एक रेस्टोरेंट में काम करने लगी।