जन-जन के जननायक बन चुके डॉ. मोहन यादव को डी लिट् उपाधि प्रदान करके विक्रम विश्वविद्यालय 30 मार्च को बनाने जा रहा है ऐतिहासिक दिन
उज्जैन- विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के इतिहास में 30 मार्च 2025 चैत्र नववर्ष संवत् प्रतिपदा गुड़ीपड़वा का दिन महत्वपूर्ण बनने जा रहा है जब राष्ट्रीय राजनीति के क्षितिज पर महत्वपूर्ण हस्ताक्षर बन चुके इसी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को डी लिट् (मानद उपाधि) की उपाधि प्रदान की जाएगी। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री श्री मती इंदिरा गांधी, जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद गिरि, ले कर्नल श्री राजवर्धन सिंह राठौर, पूर्व न्यायाधीश श्री रमेशचंद्र लहोटी, श्री सोमयाजी दीक्षित, इफको के प्रबंध निदेशक श्री उदयशंकर अवस्थी, वरिष्ठ पत्रकार श्री आलोक मेहता और पद्मभूषण डॉ. अनिल कोहली को यह उपाधि प्रदान की जा चुकी हैं। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरू प्रो अर्पण भारद्वाज कहना है कि,यह हमारे लिए और भी गौरव की बात है कि,30 मार्च को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को आमंत्रित किया गया है। पिछले वर्षों में विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोहों को महान विद्वानों ने संबोधित किया जिनमें पं.जवाहरलाल नेहरू, डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सर सीपी रामास्वामी अय्यर, डॉ. कालूलाल श्रीमाली, पं. द्वारकाप्रसाद मिश्र, पं. कुंजीलाल दुबे, बाबू जगजीवनराम, डॉ. गोविंद नारायण सिंह, श्रीमती महादेवी वर्मा, श्रीमती इंदिरा गांधी, डॉ. सरोजिनी महिषी, डॉ. गोपाल स्वरूप पाठक, प्रो. नुरुल हसन, डॉ. हरगोविंद खुराना और डॉ. सतीश चंद्रा, ए पी जे अब्दुल कलाम आदि शामिल थे। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के लिए यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि, डॉ. मोहन यादव ने अपने विद्यार्थी जीवन से इस विश्वविद्यालय को ऊंचाई पर ले जाने के लिए नये पाठ्यक्रमों को लागू करवाने के साथ ही इसकी लोकप्रियता को जन जन तक पहुंचाया और उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए केंद्र और राज्य की अनेक योजनाओं और कार्यों को लागू किया ।आज भी उनका लगाव इस विश्वविद्यालय के साथ अपनी मातृसंस्था के रूप मे होने के कारण यह विश्वविद्यालय डॉ. मोहन यादव के कारण भी पहचाना जाने लगा है। उज्जैन में विक्रम विश्वविद्यालय का 29वां दीक्षांत समारोह 30 मार्च को गुड़ी पड़वा के अवसर पर आयोजित किया जाएगा। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और गुजरात के पद्म भूषण से सम्मानित कमलेश डी. पटेल को मानद उपाधि प्रदान करने की स्वीकृति कार्यपरिषद की बैठक में प्रदान की गई है । उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 2007 में, यानि 18 साल पूर्व, विश्वविद्यालय ने अंतिम बार मानद उपाधि प्रदान की थी।