जहां भगवान को चढ़ती है शराब, वहां कैसे होगी बंद?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के 17 शहरों में शराब बंदी की घोषणा की है, जिनमें उज्जैन भी शामिल है। इसके बाद उज्जैन जैसे धार्मिक शहर में शराब बंदी को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। दरअसल, उज्जैन के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में शराब का भोग चढ़ाने की परंपरा है, और मंदिर के पास स्थित दो दुकानों से श्रद्धालु शराब खरीदकर इसे भगवान काल भैरव को अर्पित करते हैं।
मंदिर के सामने इन दुकानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शराब खरीदते हैं और बाद में प्रसाद के रूप में उसका सेवन भी करते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि धार्मिक शहर में शराब बंदी तो लागू की जाएगी, लेकिन काल भैरव मंदिर में इस नियम को कैसे लागू किया जाएगा।
धार्मिक शहर उज्जैन में शराब बंदी के आदेश के बाद भाजपा ने खुशी व्यक्त की है, और कई गृहिणियां तथा अन्य लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाद श्रद्धालु सीधे काल भैरव मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं, जहां दोनों सरकारी शराब दुकानों से रोजाना लाखों रुपए की शराब बिकती है।
मंदिर के पास दो शराब की दुकानें हैं, जहां से रोजाना करीब 5 लाख रुपए से अधिक की शराब बिकती है। अब देखना यह होगा कि इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए शराब बंदी के आदेश को कैसे लागू किया जाएगा।