नगर निगम और उसके धक्का परेड वाहन रखरखाव के अभाव में बने ऐसे हालात, सबसे ज्यादा परेशानी कचरा वाहनों की
उज्जैन - यदि आपको कहीं भी, कभी भी नगर निगम के कचरा वाहन धकियाते हुए दिखाई पड़ जाएं, तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है। ऐसे नजारे इस समय आम हो चुके हैं। दरअसल सही समय पर मैंटेनेंस नहीं होने से ऐसे हालात बने हैं। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय का मानना है कि वर्तमान अधिकारी-कर्मचारियों ने पूरे वर्कशॉप को खोखला कर दिया है। सारी गाड़ियां भंगार होने की कगार पर पहुंच गई हैं, जो कभी भी, कहीं भी धक्का लगवाते दिखाई पड़ रहीं हैं। रवि राय का कहना है कि 10 दिन पहले कृष्ण भूरिया को बताया था, उसके बाद भी कचरा वाहनों का सेल्फ ठीक नहीं करवाया गया। सफाई कर्मचारी भरे हुए कचरा वाहनों का संचालन कर रहे हैं, ये उनका दिल ही जानता है। कभी अचानक गाड़ी के बंद हो जाने पर वे कचरा गाड़ियों को किससे और किस प्रकार से धक्का लगवाएं, ये एक बड़ी समस्या बन जाती है। कई बार तो दूसरे कचरा वाहनों के कर्मचारियों को धक्का लगाने के लिए मौके पर बुलाना पड़ता है।
अब सभी वाहन होने लगे भंगार
आठ साल पहले ये कचरा वाहन स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान के तहत नगर निगम में लाए गए थे। उसके बाद से इनका प्रयोग तो लगातार किया जा रहा है, लेकिन मैंटेनेंस नहीं हो पाने की वजह से अब इन वाहनों की सांसे फूलने लगी हैं और ये दम तोड़ने की स्थिति में जा पहुंचे हैं।
जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
अचरज की बात तो ये है कि इस विषय पर जिम्मेदारों ने चुप्पी साध रखी है। जिन्हें जनता ने चुनकर भेजा है, वो भी सत्तानशीनों के रंग में रंग गए हैं। नगर में विकास की बात करने वाले भी इन बातों पर पल्ला झाड़ लेते हैं।