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सम्राट विक्रमादित्य की नगरी में ऐसा न्याय - घोर अन्याय महाकाल शिवलिंग को स्पर्श करने पर युवक को भेजा जेल, मंदिर के सुरक्षा कर्मचारियों पर गिरी गाज


उज्जैन - प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग क्षरण को लेकर आमजनों के प्रवेश और शिव लिंग को छूने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा हुआ है। बावजूद इसके सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे एक युवक बगैर किसी अनुमति के गर्भगृह में प्रवेश कर गया। युवक को यूं अचानक गर्भगृह के भीतर देखकर मंदिर के पुजारी और ड्यूटी पर तैनात मंदिर के कर्मचारी हक्काबक्का रह गए। हालांकि उन्होंने युवक को पकड़कर तत्काल गर्भगृह से बाहर निकाला और उसे महाकाल थाना पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन इस मामले में ऐसा न्याय किया गया है, जो न्याय की नगरी को शर्मशार कर रहा है। दरअसल इस मामले में दर्शन करने वाले और चौकसी करने वाले, दोनों के साथ भेदभाव पूर्ण कार्रवाई की गई। जबकि गुनाह एक था, तो सजा भी एक सी मुकर्रर होनी चाहिए थी। लेकिन यहां अपनों को बचाने का प्रयास होता साफ दिखाई पड़ रहा है। इससे पहले भी इस तरह के कई वाक्ये हो चुके हैं, लेकिन हर बार कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर सिवाय निम्न स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई के अतिरिक्त किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई की गई हो, ऐसा अभी तक देखने में नहीं आया है। इसलिए इस बात की भी संभावना अधिक है कि इस बार भी न्यायप्रिय सम्राट विक्रमादित्य की नगरी में अन्याय वाली कार्रवाई की जाएगी। 
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने फिर से मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये बात किसी अचरज से कम नहीं है कि इतने सारे कर्मचारियों की मौजूदगी के बाद भी एक युवक गर्भगृह की देहरी तक चला जाता है और कोई उसे रोकता टोकता तक नहीं। जबकि नंदी हॉल तक जाने का अधिकार भी किसी वीआईपी या वीवीआईपी के पास ही होता है।
कर्मचारियों पर गिरी गाज
इस बड़ी चूक की जानकारी मिलते ही मंदिर के प्रभारी प्रशासक अनुकूल जैन ने लापरवाही बरतने वाले मंदिर के दो कर्मचारियों को नोटिस जारी किया और गर्भगृह के बाहर सुरक्षा व्यवस्था में तैनात क्रिस्टल कंपनी के दो गाडर््स को सेवा से हटाने की बात कही। हालांकि इसमें दोषी वो लोग भी थे, जिन्होंने युवक को पहले नंदी हॉल और उसके बाद गर्भगृह की देहरी तक जाने दिया।
भेदभाव पूर्ण की गई कार्रवाई
महाकाल मंदिर समिति सालों से भेदभाव पूर्ण कार्रवाई करती आई है, इससे पहले के मामलों में ऐसा ही देखा गया है, इसलिए इस बार भी संभावना है कि कुछ ऐसा ही होगा। दरअसल मंदिर का सुरक्षा घेरा तोड़कर गर्भगृह में प्रवेश मामले में मंदिर समिति ने अपने कर्मचारियों को केवल नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। ज्यादा होगा तो इसके बाद कुछ दिनों के लिए सस्पेंड जैसी कार्रवाई कर मामला खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन देखा जाए तो मामले में आउटसोर्स कंपनी क्रिस्टल के कर्मचारी जितने दोषी हैं, उतने ही मंदिर समिति के कर्मचारी भी। अब सवाल ये उठता है कि दोषियों पर एक सरीखी कार्रवाई के बजाए एक को नौकरी से छुटकारा और दूसरों को नोटिस जैसी भेदभाव पूर्ण कार्रवाई क्यों की गई। जबकि दोनों पर समान कार्रवाई ही की जानी चाहिए थी।
दर्शन करने वालों पर भी असमान कार्रवाई
आपको बता दें कि करीब दो साल से महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम दर्शनार्थियों के प्रवेश पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन इन दो सालों में कई बार ये नियम टूटा है, मगर कार्रवाई सिर्फ एक व्यक्ति पर ही की गई और उसे तत्काल जेल भेज दिया गया। जबकि इसके पहले नियम तोड़ने वालों में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद पुत्र श्रीकांत शिंदे, तेलगुदेशम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभिराम कोमारेड्डी, सहित स्थानीय व मध्यप्रदेश के नेताओं के नाम शामिल हैं। लेकिन उन्हें पुलिस में देना तो दूर, शायद अब तक कोई पत्र तक जारी नहीं किया गया होगा। कार्रवाई के नाम पर पहले भी आउटसोर्स कंपनी के कर्मचारियों की बली दी गई थी, इस बार भी वैसा ही किया गया। बस फर्क रहा तो केवल इतना की इस बार की कार्रवाई गलती करने वाले के साथ भी की गई। क्योंकि इसके पूर्व में नियम तोड़ने वालों पर अब तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई, शायद इसकी वजह राजनीतिक दबाव होगा।
सोशल मीडिया में चल रहीं चर्चाएं
किसी व्यक्ति का भगवान को स्पर्श करना इतना बड़ा और विवादित मामला हो जाएगा, ये शायद ही किसी ने सोचा होगा। शिवलिंग स्पर्श करने वाले को जेल भेज दिए जाने और ताबड़तोड़ मंदिर प्रशासन द्वारा बाहरी कंपनी के कर्मचारियों को काम से बेदखल किए जाने की चर्चाएं सोशल मीडिया पर भी ट्रोल हो रहीं हैं। कई लोग इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और ये भी लिख रहे हैं कि गरीब और कमजोर लोगों के साथ ही ऐसा किया जा सकता है। इससे पहले जो लोग गर्भगृह में गए थे, उन भी ऐसी ही कार्रवाई की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। फेसबुक, ट्वीटर हेंडल पर इस तरह की चर्चाएं और उन पर आ रहे कमेंट्स आसानी से देखे जा सकते हैं।

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