पर्यावरण संरक्षण को हमारी आदतों में सम्मिलित करना आवश्यक है : श्री गोपाल आर्य
उज्जैन- पर्यावरण का संरक्षण करना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। पर्यावरण संरक्षण को अपनी आदतों में सम्मिलित करना बहुत आवश्यक है। ऊर्जा बचाना, पानी का सही उपयोग करना और प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण प्रयोग करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। बिजली, पानी और प्लास्टिक का सावधानीपूर्वक उपयोग, कचरे को अलग करने जैसी प्रक्रियाओं को हमारी आदतों में सम्मिलित करके बड़े बदलाव लाये जा सकते हैं। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के राष्ट्रीय संयोजक माननीय श्री गोपाल आर्य ने भारतीय ज्ञानपीठ में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि वस्तुओं के मूल्य हो सकते हैं किंतु पेड़-पौधे जो देते हैं, वह अमूल्य होते हैं । पेड़-पौधे शुद्ध वायु, छाया, औषधि, और जल संरक्षण में मदद करते हैं। ये सेवाएं किसी वस्तु से खरीदी नहीं जा सकतीं। हमारी शिक्षा पद्धति भी प्रकृति से जुड़ी है । हमारी पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में विद्यार्थी पेड़ों की छांव में ज्ञान अर्जित करते थे। आज भी पर्यावरण अध्ययन और परियोजनाएं छात्रों को प्रकृति के महत्व से अवगत कराती हैं। समारोह की अध्यक्षता पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के माननीय श्री पुष्यमित्र पांडे ने की। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रश्न किए, जिनका समाधान श्री गोपाल आर्य ने बड़े सहज और प्रेरणादायक तरीके से किया। श्री गोपाल आर्य ने विद्यार्थियों को तुलसी के पौधे भेंट कर पर्यावरण के प्रति उनके दायित्व को स्मरण कराया। कार्यक्रम में अतिथि परिचय पर्यावरण गतिविधि विभाग के सह-संयोजक पुष्पेंद्र चित्तौड़ा ने दिया। अतिथि स्वागत संस्थान की डायरेक्टर श्रीमती अमृता कुलश्रेष्ठ एवं एकेडमिक डायरेक्टर डॉ. गिरीश पंडया ने किया। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संघ के प्रांत सह-संयोजक श्री कैलाश चंद्रावत, श्री विजय पाल तथा अन्य विशिष्टजन उपस्थित रहे। संचालन श्रीमती प्रियंका शेवालकर ने किया और आभार भारतीय स्कूल की प्राचार्य श्रीमती रचना श्रीवास्तव ने माना ।