क्षिप्रा तट पर देव दीपावली उत्सव: दीपदान के साथ प्रदूषण का संकट
क्षिप्रा तट पर देव दीपावली उत्सव: दीपदान के साथ प्रदूषण का संकट
उज्जैन, 15 नवंबर: शुक्रवार को उज्जैन के ऐतिहासिक क्षिप्रा तट पर देव दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर देशभर से आए श्रद्धालुओं ने शाम से लेकर रात तक मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी के तटों पर दीप जलाए और पूजा अर्चना की। मंदिरों और घाटों के आसपास दीपों की चमक और श्रद्धालुओं की श्रद्धा ने माहौल को अद्भुत बना दिया।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों श्रद्धालुओं ने क्षिप्रा में पवित्र स्नान किया और पुण्य की प्राप्ति की। हालांकि, देव दीपावली के अगले दिन जब क्षिप्रा नदी का निरीक्षण किया गया, तो नदी के तटों पर एक चिंताजनक दृश्य सामने आया। नदी के किनारे कचरे के ढेर और बुझे हुए दीपक, फूल और प्रसाद से घाटों पर प्रदूषण फैल गया था।
नदी के किनारे पड़े कचरे और प्रदूषण की तस्वीरों ने स्थानीय प्रशासन के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। नदी में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों की आवश्यकता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। श्रद्धालुओं ने जहां एक ओर धार्मिक महत्व का निर्वाह किया, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया, जिससे नदी की स्वच्छता प्रभावित हुई है।
स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों के बाद घाटों पर सफाई व्यवस्था को त्वरित रूप से सुदृढ़ करना चाहिए। कई लोगों का मानना है कि धार्मिक आयोजनों में जुटने वाली भीड़ को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।
स्थानीय प्रशासन ने इस पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है और कहा है कि वे आगामी पर्वों के दौरान अधिक सख्ती से सफाई अभियान चलाएंगे और प्रदूषण पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।