किसानों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना ही एकमात्र लक्ष्य कलेक्टरों को निर्देश जिले में कृषि उपकरण संबंधी मेले लगाए जाए कृषि उत्पादन आयुक्त मो.सुलेमान ने रबी फसल की तैयारी की समीक्षा बैठक ली
उज्जैन- गुरूवार को कृषि उत्पादन आयुक्त मो.सुलेमान ने प्रशासनिक संकुल भवन में संभाग ने रबी फसल की तैयारी, खाद की उपलब्धता, नरवाई की समस्या, सहकारिता, पशुपालन एवं अन्य विषयों पर समीक्षा बैठक ली। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव श्री अनुपम राजन, श्री डीपी आहुजा, संभागायुक्त श्री संजय गुप्ता, कृषि विभाग सचिव एम सेलवेन्द्रम, मार्कफेड के एमडी आलोक सिंह, कृषि आयुक्त अजय गुप्ता एवं समस्त जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि कृषि को लाभ के क्षेत्र में बढ़ाना हमारा उद्देश्य है। किसानों की प्रतिव्यक्ति आय को बढ़ाना हमारा एकमात्र लक्ष्य है। कृषि क्षेत्र को हमारे प्रदेश में उद्योग क्षेत्र की तरह ही काम करना होगा। आधारभूत संरचना को बेहतर करने के लिए कृषि क्षेत्र में भी निवेश करना होगा। सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करके इससे कृषि क्षेत्र को बढ़ाना होगा। कृषि क्षेत्र को फार्म मेकेनिज्म की ओर बढ़ना होगा। हर किसान को लाभ देने के लिए हमें विकल्प को जोड़ना होगा और छोटे खेत होने के कारण यांत्रिकरण का लाभ सबके खेत तक पहुंचे इस पर काम करना होगा। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि कृषि क्षेत्र में मजदूरों की कमी लगातार हो रही है इसके लिए यांत्रिकरण का लाभ छोटे किसानों को देना होगा। जिले में कृषि उपकरण संबंधी मेले लगाए जाए। यूरिया और एनपीके के उपयोग को हमें बढ़ावा देना है। फसल के आधार पर ही खाद का उपयोग किया जाए। और्गेनिक खेती को भी बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि खाद उठाव/वितरण की व्यवस्था राज्य स्तर से लेकर नीचे तक सुविधाजनक बनाई जा रही है। बैठक में जानकारी दी गई थी कि वितरण केन्द्रों पर पीओएस की मशीनें बढ़ाई गई है और टोकन व्यवस्था में भी सुधार किया गया है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने निर्देश दिए कि संभाग के समस्त जिलों के कलेक्टर खाद वितरण व्यवस्था को लगातार वॉच करें और इसकी समय समय पर समीक्षा करते रहे। अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णवाल ने निर्देश दिए कि उज्जैन में सहकारिता क्षेत्र में वितरण व्यवस्था बेहतर है। खाद के वितरण को कलेक्टर्स व डीएमओ मार्कफेड तार्किक व्यवस्था बनायें, जिससे सभी किसानों को उपलब्ध खाद का बेहतर वितरण हो सके। सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए कि मार्कफेड के ऐप आईएफएसएस को डाउनलोड करे तथा जिले में खाद की उपलब्धता लगातार देखते रहे। केन्द्र और राज्य के आईएफएसएस और आईएफएमएस को एकीकृत किया गया है। निजी क्षेत्र के खाद वितरक गोडाउन का भी लगातार निरीक्षण किया जाए। खाद की कमी होने पर निजी वितरकों के भण्डारण और वितरण को चेक किया जाए।