महाकाल ने भगवान विष्णु को सौंपा सृष्टि का भार
बैकुंठ चतुर्दशी की मध्य रात्रि भगवान महाकाल ने भगवान विष्णु को सृष्टि का भार सौंपा। चार महीने से यह दायित्व महाकाल खुद संभाल रहे थे।
उज्जैन में गुरुवार को आधी रात को हरि-हर मिलन हुआ। रात करीब 11 बजे महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर के लिए निकली। हरि-हर मिलन के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु सवारी मार्ग के दोनों ओर के साथ ही द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में जुटे। गोपाल मंदिर में हरि यानी विष्णु का हर यानी शिव से मिलन हुआ।
दोनों देवों को अपने-अपने स्वभाव के विपरीत मालाएं धारण करवाई गईं। महाकाल की ओर से द्वारकाधीश गोपालजी को बिल्वपत्र की माला और द्वारकाधीश गोपालजी की ओर से महाकाल को तुलसी पत्र की माला धारण करवाई गई। इसके बाद महाआरती हुई। पूजन, अर्चन के बाद महाकालेश्वर की सवारी देर रात वापस महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंची।