top header advertisement
Home - उज्जैन << कार्तिक मास में भगवान महाकाल ने किया नगर भ्रमण, अपने आराध्य का प्रजाजनों नगर में किया स्वागत

कार्तिक मास में भगवान महाकाल ने किया नगर भ्रमण, अपने आराध्य का प्रजाजनों नगर में किया स्वागत


उज्जैन - ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर मंदिर में कार्तिक-अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारी निकाले जाने की परम्परा है। सेामवार को परम्परा का निर्वहन करते हुए महाकाल की दूसरी सवारी निकाली गई। राजसी वैभव के साथ रजत पालकी में सवार होकर उज्जैन के राजा भगवान महाकाल अपने प्रजाजनों का हालचाल जानने नगर भ्रमण पर निकले, तो नगर की प्रजा ने भी अपने आराध्य के स्वागत में कोई कमी नहीं छोड़ी। पूरे सवारी मार्ग पर रोड के दोनों ओर से श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा करते हुए भगवान महाकाल का स्वागत किया। ये सवारी नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए शिप्रा तट पहुंची, जहां शिप्रा के पावन जल से भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन किया गया। सवारी में पुलिस घुड़सवार दल, सशस्त्र बल की टुकड़ी, पुलिस बैण्ड सम्मिलित था। जो भक्तिगीतों के साथ मधुर स्वर लहरियां बिखेरते चल रहा था। सवारी आरभं होने से पहले अपरान्ह 4 बजे मंदिर के सभामंडप में राजाधिराज बाबा महाकाल का पूजन किया गया। इसके बाद भगवान महाकाल चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में भक्तें को दर्शन देने के लिए राजसी वैभव के साथ नगर भ्रमण पर निकले। पालकी के मंदिर से बाहर आते ही पुलिस के सशस्त्र बल ने बैंड की धुन पर भगवान को सलामी दी। 
    गौरतलब है कि सावन-भादौं की तरह कार्तिक-अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। मंदिर के पुजरी ने बताया कि आज की सवारी कार्तिक मास की अंतिम सवारी थी अब आगे की दोनों सवारी अगहन मास की होगी। सवारी तय मार्गो से होते हुए देर शाम को पुनः मंदिर पहुंचकर सम्पन्न हुई।

Leave a reply