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उज्जैन के टूरिज्म पर काम किया


मार्केटिंग में एमबीए करने वाले युवक ने 14 लाख रुपए सालाना की नौकरी छोड़ दी। पुणे से जब वह घर आया और माता-पिता को बताया कि अब वह अपने शहर में ही खुद कुछ करेगा। ये सुन घरवालों ने कहा उज्जैन में कोई स्कोप नहीं है। एक बार फिर सोच लें। युवक ने यहां उज्जैन के टूरिज्म पर काम किया और तीन साल में खुद का स्टार्टअप खड़ा कर दिखाया। आज यात्रियों को यहां रुकने, घूमने से लेकर गाइड तक की सुविधा उपलब्ध कर रहे हैं। उद्देश्य यही कि यात्री यहां आकर ठगी का शिकार न हो पाए, बल्कि उज्जैन को लेकर मन में एक अच्छी छवि लेकर जाए।

यह उज्जैन निवासी अंशुल दीसावल हैं। अंशुल ने पुणे की बड़ी कंपनी की नौकरी इसलिए छोड़ी कि उज्जैन के लिए कुछ करना है। पुणे में जॉब के दौरान कई रिश्तेदार व परिचित उज्जैन आए तो उनका अनुभव होटल, ऑटो व टैक्सी को लेकर अच्छा नहीं रहा। बस यहीं से ख्याल आया कि इसी क्षेत्र में अब काम करूंगा व खुद का स्टार्टअप खड़ा करूंगा, जिसके माध्यम से बाहर के लोगों को बजट अनुसार बेहतर होटल, टैक्सी ही नहीं गाइड भी दे सके। इसके लिए उज्जैन टूरिज्म डॉट काम को रजिस्टर्ड कराया, फिर 20 लोगों की टीम खड़ी कि जो भारत ही नहीं, विदेश के तीर्थ यात्रियों को भी ऑनलाइन पूजन से लेकर गाइड तक की सुविधा उपलब्ध करवा रही है।

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