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त्रिनेत्र से संचालित होगी प्रोटोकॉल व्यवस्था, महाकाल दर्शन के लिए भरना होगा फार्म


उज्जैन - श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के निर्देशन में वीआईपी श्रद्धालुओं को मिलने वाली प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था में फिर से बदलाव किया गया है। प्रोटोकॉल से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं से अब एक फार्म भरवाया जा रहा है, जिसमें उनकी निजी जानकारी के साथ ये भी पूछा जा रहा है कि क्या वे महाकाल मंदिर में दान राशि देना चाहते हैं। मंदिर समिति का मानना है कि नई व्यवस्था से मंदिर में प्रोटोकॉल से अवैध रूप से होने वाली एंट्री पर लगाम लगाई जा सकेगी और ये भी पता लग सकेगा कि दिनभर में कितने श्रद्धालुओं ने इस सुविधा का लाभ लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार महाकाल लोक में त्रिनेत्र के ग्राउंड फ्लोर पर सुसज्जित प्रोटोकॉल कार्यालय बनाया गया है। इसमें एक काउंटर सिर्फ दान राशि लेने के लिए रखा गया है, ताकि मंदिर में आने वाले वीआईपी श्रद्धालु यदि दान देना चाहें, तो यहीं पर फॉर्म भरकर दान राशि जमा करा सकते हैं। फार्म में प्रोटोकॉल के तहत ये जानकारी भी होगी कि श्रद्धालु को नंदी हाल या गणेश मंडपम दोनों में किस स्थान से दर्शन करवाना है।
मंदिर प्रशासक बोले
महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ का कहना था कि प्रोटोकॉल से आने वाले सभी भक्तों को एक फॉर्म भरना होगा जिसमें उनका नाम, पद, विभाग, मोबाइल नम्बर, सदस्य संख्या, अनुमति स्थान, दान राशि की जानकारी के कॉलम हैं। हालांकि दर्शनार्थियों को दान देना जरूरी नहीं है, यदि वे चाहें तो दान कर सकते हैं।
          बहरहाल मंदिर समिति ने नए फार्म के जरिए मंदिर में आय का एक साधन और जोड़ दिया है। मंदिर के जिम्मेदार भले ही इस बात पर जोर दे रहे हैं कि दर्शनार्थियों को दान देना जरूरी नहीं है, लेकिन ये भी उतना ही सही है कि भगवान महाकाल की शरण में आने वाला आम श्रद्धालु ही जब खुले मन से दान देता है, तो ये तो वीआईपी व्यवस्था है साहब, यहां तो दिखावे के नाम पर ही दान राशि आने लगेगी।

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