जिम्मेदार अफसरों ने स्टॉप डेम के गेट नहीं कराए बंद
इंदौर के कबीटखेड़ी से उज्जैन की ओर आ रही कान्ह नदी का गंदा पानी इतनी तेजी से शिप्रा नदी में इसलिए मिल रहा है, क्योंकि जिम्मेदार अफसरों ने स्टॉप डेम के गेट ही बंद नहीं कराए। इंदौर रोड स्थित राघोपिपल्या में बने ट्रीटमेंट प्लांट के स्टॉप डेम के एक-दो नहीं पूरे 26 गेट खुले हैं, जिनके जरिए धड़ल्ले से शिप्रा में गंदा पानी मिल रहा है।
भास्कर की खबर के बाद अफसर जागे और मंगलवार को ट्रीटमेंट प्लांट की पाइप से लेकर स्टॉप डेम की सफाई करवाकर गेट बंद करने का काम शुरू किया। बता दें कि कान्ह डायवर्सन पर 150 करोड़ रुपए शासन पिछले सिंहस्थ यानी 2016 के दौरान खर्च कर चुकी है।
अब इस बार क्लोज डक्ट योजना के माध्यम से डायवर्सन होगा। जल संसाधन के अधिकारी बता रहे हैं कि ये योजना 919.84 करोड़ की है। इधर, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से भास्कर ने बात करने का प्रयास किया तो उनके किसी अटेंडर ने फोन रिसीव कर कहा कि अभी मीटिंग में हैं। बाद में फोन स्विच ऑफ मिला।