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मंदिरों के निर्माल्य से वेस्ट टू बेस्ट का होगा निर्माण


उज्जैन का विक्रम विश्वविद्यालय अब जल्द ही शहर के मंदिरों में वेस्ट से बेस्ट बनाने की दिशा में काम शुरू करेगा। विश्वविद्यालय मंदिरों से निकलने वाली पूजन सामग्री (निर्माल्य) से कई तरह की सामग्री का निर्माण कर ब्रांडिंग करेगा। कार्यपरिषद की बैठक में इस निर्णय पर मोहर लग गई है। निर्माल्य से सामग्री निर्माण के लिए जरूरी उपकरण खरीदे जाएंगे। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए चलित प्रयोगशाला और आवागमन की सुविधा के लिए नई बसें भी खरीदेगा।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर सहमति बनी है। कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने बताया कि शहर के प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, चिंतामण मंदिर सहित कई मंदिरों से निकलने वाले निर्माल्य सामग्री को लेकर विश्वविद्यालय की यूनिट में इस निर्माल्य से कई तरह की नई सामग्री का निर्माण किया जाएगा। सामग्री बनने के बाद यह आम जनता तक पहुंच सके इसके बाद ऐसे स्थानों से इसे बेचने की प्रक्रिया की जाएगी जहां से विश्वविद्यालय की ब्रांडिंग भी की जा सके। विश्वविद्यालय का यह निर्णय सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट पर आधारित है।

कुलगुरु प्रो. भारद्वाज ने बताया कि विश्वविद्यालय के उद्यमशील विद्यार्थियों जिन्होंने कई तरह से अपने उत्पाद बनाए है। ऐसे विद्यार्थी अपने उत्पादों का मूल्य पा सके इसके लिए विश्वविद्यालय में मार्केटिंग प्लेस (बाजार) का निर्मांण किया जाएगा।

हॉस्टल की छात्राओं के लिए नर्सिंग स्टाफ की सुविधा

विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के लिए नर्सिंग सुविधा उपलब्ध हो सके, इसके लिए अब जल्द ही लेडी डॉक्टर सहित नर्सिंग स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा पीएचडी के विद्यार्थियों के लिए पंजीयन कराने के बाद मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि को भी दोगुना किया गया है।

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