स्वच्छता में नंबर-1 इंदौर की कान्ह के गंदे पानी से हमारी शिप्रा नदी फिर मैली
कार्तिक मास में इन दिनों शिप्रा नदी में कान्ह स्नान हो रहा है। जिम्मेदारों की लापरवाही और अनदेखी के चलते कान्ह (खान) नदी ओवर फ्लो होने से उसका प्रदूषित और गंदा पानी शिप्रा नदी में मिल रहा है। स्वच्छता में नंबर-1 इंदौर की कान्ह नदी के गंदे पानी से हमारी शिप्रा बार-बार मैली हो रही।
कार्तिक माह में श्रद्धालुओं को स्नान में परेशानी हो रही है। शिप्रा में गंदा पानी मिलने से नदी में आक्सीजन की कमी तो हुई नदी के पानी से भी दुर्गंध आ रही हैं। घाट पर पूजन कराने वाले तीर्थ पुरोहितों ने इसे लेकर आपत्ति जताई, जिसके बाद नदी से गंदे पानी को बहाया गया। शिप्रा नदी का जलस्तर करीब 4 फीट कम किया गया लेकिन इससे घाटों पर फिसलन की एक समस्या खड़ी हो गई। श्रद्धालु गिर रहे हैं। दो दिन पहले महापौर के साथ दौरान करने पहुंचे एमआईसी सदस्य रजत मेहता खुद भी घाट पर फिसलकर गिर पड़े थे।
कीचड़ में स्नान मामले में कलेक्टर व कमिश्नर हटाए जा चुके: गौरतलब है कि शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा नदी में कीचड़ में श्रद्धालुओं को स्नान कराने पर तत्कालीन कलेक्टर और कमिश्नर हटाए गए थे। उस वक्त कमलनाथ की सरकार थी। नगर निगम जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा का कहना है कान्ह की त्रिवेणी पर जो लाइन है वह बारिश के बाद से बंद है। लाइन को खोलने का काम जल संसाधन विभाग का है लेकिन उसने ध्यान ही नहीं दिया।
इसी वजह से कान्ह का गंदा पानी ओवर फ्लो होकर शिप्रा में मिल रहा है। तीर्थ पुरोहितों ने आपत्ति ली। इसके बाद हमने संबंधित अधिकारियों को कहकर रेती घाट स्थित स्टॉप डेम का गेट खोल प्रदूषित पानी को बहाया। नदी का जलस्तर चार फीट कम कर दिया। इस संदर्भ में अपनी तरफ से जल संसाधान विभाग और नगर निगम आयुक्त को अवगत करा चुका हूं। वे ही जिम्मेदार है और नदी की अगर ये दुर्दशा कार्तिक मास में हो रही है तो इसके लिए नगर निगम आयुक्त जिम्मेदार है, ये उनकी अनदेखी है।
शिप्रा नदी में कान्ह का गंदा पानी न मिले इसके लिए राघोपिपल्या में कान्ह डायवर्सन लाइन डली हुई है, जो बंद पड़ी है। इस वजह से पानी का उपयोग नहीं कर पा रहे। शहर की पानी की टंकियां भी नहीं भर पा रही। रोज 27 एमएलडी पानी की दिक्कत आ रही है। संबंधित अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। एनके भास्कर, कार्यपालन यंत्री पीएचई ^कान्ह डायवर्सन की जो लाइन चल रही है, उसकी केपीसीटी 5 क्यूमेक्स की है जबकि इंदौर से जो पानी का फ्लो आ रहा है वह 20 क्यूमेक्स है। ऐसे में ओवर फ्लो बना हुआ है। फिलहाल इसी कारण स्थिति कंट्रोल में नहीं है। एक-दो दिन में कुछ सुधार हो इसके लिए प्रयास कर रहे है। पीके खरेट, ईई जल संसाधन विभाग शिप्रा की स्थिति इस समय ऐसी हो रही है।
घाटों पर कंजी, पानी प्रदूषित
कार्तिक में शिप्रा की दुर्दशा को लेकर तीर्थ पुरोहित नाराज है। शिप्रा का पानी प्रदूषित हो गया है। आक्सीजन की कमी से मछलियां मर रही है। जल स्तर कम करने से घाट पर कंजी जमा है। श्रद्धालु फिसलन की वजह से गिर रहे हैं। जिस शिप्रा नदी की वजह से यहां महाकुंभ होता है उसे प्रशासन अनदेखा न करे।
पंडित महेंद्र जोशी, तीर्थ पुरोहित रामघाट