अफसरों की नाकामी से शहर में जलसंकट
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के अफसरों की नाकामी और नगर निगम प्रशासन की अनदेखी के चलते शहर में जलसंकट बना हुआ है। गंभीर डेम में पर्याप्त पानी होने के बावजूद पिछले 32 दिनों से शहर के लोगों को पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।
शहर की अधिकांश काॅलोनियों में 15 से 20 मिनट ही जलप्रदाय हो रहा है, वह भी कम प्रेशर से। ऐसे में लोगों को घर के उपयोग का पानी भी नहीं मिल पा रहा है। पानी भी पीला और मटमैला आ रहा है, जिसका उपयोग लोग पीने में नहीं कर पा रहे हैं।
पुराने शहर उज्जैन उत्तर व फ्रीगंज दक्षिण में 1 अक्टूबर-2024 से पीएचई द्वारा हर दिन जलप्रदाय किया जा रहा है। बावजूद इसके लोगों को पूरे प्रेशर से पानी नहीं मिल पा रहा है। त्योहारों पर जलसंकट से जूझ रहे लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा है। अब तक अलग-अलग क्षेत्र के रहवासी करीब पांच-छह बार पानी की टंकी का घेराव व चक्काजाम कर चुके हैं।
उसके बाद भी निगम प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पेयजल व्यवस्था को लेकर जनप्रतिनिधियों और निगम अफसरों के बीच में भी तालमेल गड़बड़ाया हुआ है। हाल ही में देवासगेट स्थित पीएचई के कंट्रोल रूम पर पानी की समस्या के निराकरण के लिए जनप्रतिनिधि पहुंचे थे लेकिन निगम के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं गए। यानी सार्थक परिणाम नहीं निकल पाया।