महाकाल में 31 अक्टूबर की भस्मारती में लगेगा अन्नकूट, भट्टी पूजन हुआ - अन्नकूट दर्शन सुबह 6 से 8 बजे तक होंगे - समिति से आग्रह मंदिर की हो भोजनशाला
उज्जैन- महाकाल मंदिर में 31 अक्टूबर की अल सुबह रूप चौदस पर्व पर भस्मारती में पुजारी परिवार के द्वारा भगवान को सबसे पहले परंपरागत रूप से अन्नकूट भोग लगाया जाएगा। इसी दिन संध्या के समय प्रदोष काल में मंदिर में दीपावली का पर्व भी मनाया जाएगा। अन्नकूट भोग के लिए सोमवार से प्रसादी बनना शुरू हुई इसके पूर्व नगर के वरिष्ठ समाजसेवी गोविंद भैया बबलू यादव ने भगवान महाकाल के चित्र के साथ भट्टी का विधिवत पूजन-अर्चन किया। महाकाल मंदिर के पंडित महेश पुजारी, मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य एवं पुजारी राम शर्मा ने बताया कि भस्मारती में सर्वप्रथम भगवान महाकाल को अभ्यंग स्नान कराया जाएगा। पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को केसर, चंदन आदि सुगंधित द्रव्यों से निर्मित उबटन लगाएंगी। भगवान के शृंगार के पश्चात सर्वप्रथम अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा। इस अन्नकूट के दर्शन प्रात: 6 से 8 बजे तक होंगे। इस अवसर पर पंडित महेश पुजारी ने मंदिर प्रबंध समिति एवं जनप्रतिनिधि श्री यादव से आग्रह किया कि भगवान महाकाल के अन्नकूट का भोग शुचिता के साथ आने वाले समय में मंदिर परिसर में ही बने ऐसी स्थाई बड़ी रसोई भोजन शाला के निर्माण की व्यवस्था होनी चाहिए। इस अवसर पर पंडित विजय पुजारी, पंडित गोपाल पुजारी, रूपेश मेहता, राकेश जैन, रूपेश तिवारी, राजू बैरागी सहित बड़ी संख्या में पंडित व भक्तजन मौजूद थे।