‘विश्व स्ट्रोक दिवस’ 29 अक्टूबर को
उज्जैन- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक कुमार पटेल ने बताया कि प्रतिवर्ष 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य स्ट्रोक के बारे में जन-समुदाय में जन-जागरूकता बढाने और स्ट्रोक से पीड़ित लोगों की मदद करना है। उल्लेखनीय है कि जब किसी कारणवश मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति अवरुद्ध हो जाती है या रक्त की वाहिका में खून के थक्के जम जाते हैं अथवा जब मस्तिष्क में रक्त वाहिका फट जाती है, ऐसी स्थिति को स्ट्रोक कहा जाता जाता है। स्ट्रोक के प्रभाव के कारण स्थायी मस्तिष्क क्षति, दीर्घकालिक विकलांगता, यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह उच्च लिपिड स्तर, अधिक वजन, धूम्रपान, शराब सेवन, शारीरिक गतिविधि का अभाव, आनुवंशिक एवं बढ़ती उम्र, अस्वस्थ खान-पान हो सकते हैं। स्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं- इस्केमिक स्ट्रोक (मस्तिष्क की रक्त वाहिका के अंदर रक्त का धक्का जमना) तथा रक्तस्त्रावी स्ट्रोक (रक्त वाहिका से रक्त स्त्राव अथवा मस्तिष्क में रक्त स्त्राव)। दोनों प्रकार के स्ट्रोक में जीवन को खतरा है। विश्व स्ट्रोक दिवस पर हम सबको स्ट्रोक के बारे में जागरूक होना चाहिए और अपने दूसरों के लिए स्ट्रोक से बचने के लिए कदम उठाना चाहिए।