31 को मंदिर के हर प्रवेश द्वार पर कड़ी सुरक्षा रहेगी
दीपावली पर महाकाल के गर्भगृह में एक ही फुलझड़ी जलाएंगे, आतिशबाजी पर रोक
महाकालेश्वर मंदिर में 31 अक्टूबर को दीप पर्व मनाया जाएगा। इस बार गर्भगृह में प्रतीकात्मक रूप से सिर्फ एक फुलझड़ी ही जलाई जाएगी। इस दौरान महाकाल मंदिर में विशेष विद्युत लाइटिंग के साथ-साथ फूलों से भी सजाया जाएगा। होली पर्व पर 25 मार्च को महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में हुए अग्निकांड के बाद मंदिर में सुरक्षा पर सवाल खड़े उठाए गए थे।
अब महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने निर्णय लिया है कि इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसलिए इस बार 31 अक्टूबर को अलसुबह भस्मआरती में रूप चतुर्दशी के बाद दीपावली का त्योहार भी मनाया जाएगा। इस दौरान पंडे, पुजारी प्रतीकात्मक रूप से मात्र एक फुलझड़ी ही जला सकेंगे। इसके अलावा किसी को भी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में किसी भी तरह की आतिशबाजी या पटाखे जलाने की अनुमति नहीं होगी।
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने इसे लेकर पत्र जारी किया है कि दीपावली के दिन सुरक्षाकर्मी इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी भक्त मंदिर में पटाखे लेकर प्रवेश न करे। भक्तों के महाकाल मंदिर में प्रवेश के दौरान हर गेट पर चैकिंग की जाएगी। कोटितीर्थ परिसर में दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे। मंदिर परिसर काे फूलों से सजाया जाएगा।
होली पर लगी थी आग... होली पर गर्भगृह में लगी आग से 14 लोग बुरी तरह झुलस गए थे। इनमें पंडे, पुजारी, सेवक शामिल थे। इन लोगों में से एक सेवक सत्यनारायण सोनी का इंदौर में इलाज के दौरान निधन हो गया था। घटना के बाद मंदिर परिसर में आग पर काबू पाने के लिए उपकरण लगवा दिए हैं। साथ ही विभिन्न पर्वों पर होने वाली आरती में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है।