महाकाल मंदिर में एक फुलझड़ी से शुरू होगा दीप पर्व, फूलों से होगी मंदिर की सजावट, बिरंगी रोशनी से दमकेगा पूरा मंदिर
उज्जैन - होली पर्व पर महाकाल मंदिर में हुए अग्निकांड के बाद मंदिर में सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए थे। जिस देखते हुए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने निर्णय लिया है कि, इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसलिए 31 अक्टूबर के दिन अलसुबह भस्म आरती में रूप चौदस के बाद दिवाली का पर्व भी मनाया जाएगा। मंदिर के पंडे, पुजारी केवल एक फुलझड़ी जला सकेंगे। इसके अलावा किसी को भी महाकाल मंदिर परिसर में किसी भी तरह की आतिशबाजी और पटाखे जलाने की अनुमति नहीं होगी।
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने इसे लेकर एक पत्र जारी किया है। जिसमें दिवाली वाले दिन सुरक्षाकर्मी इस बात का ध्यान रखेंगे कि कोई भी भक्त मंदिर में फटाखे लेकर प्रवेश न करे। भक्तों के महाकाल मंदिर में प्रवेश के दौरान चेकिंग की जाए। गणेश धाकड़ ने बताया कि सांकेतिक रूप से एक फुलझड़ी जलाने की परमिशन दी गई है। दीप पर्व पर कोटि तीर्थ पर दीपक जलाए जाएंगे। पूरे मंदिर की फूलों से सजाया जाएगा। मंदिर में आकर्षक विद्युत सज्जा की जाएगी।