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‘पीयूषवर्धिनी शिप्रा’ ग्रन्थ मुख्यमंत्री डॉ.यादव को भेंट


उज्जैन- शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के अवसर पर आयोजित ‘‘पीयूषवर्धिनी शिप्रा: कल आज और कल’’ विषय पर आयोजित परिचर्चा के निष्कर्षों का ग्रंथ कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन के निदेशक  डॉ. गोविन्द गन्धे ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भेंट किया। शिप्रा शुद्धीकरण के लिये प्रबुद्ध वर्ग में विमर्श की दृष्टि से यह आयोजन किया गया था। निष्कर्ष के रूप में सुझावों को इस ग्रंथ में समाहित किया गया है। प्रमुख रूप से शहर के सप्त सागरों को पुनर्जीवित करनाबावड़ी-कुँओं तथा शिप्रा प्रवाह के क्षेत्र में स्थित जलाश्यों को पुनर्जीवित करना। सघन वृक्षारोपणकिनारों को अतिक्रमण से मुक्तिऔद्योगिक क्षेत्र के प्रदुषण को शिप्रा में मिलने से रोकनाशिप्रा का गहरीकरणऐतिहासिकपौराणिकव्यवसायिक महत्त्व को जन-जन में विशेष कर युवा पीढ़ी तक पहुँचाना प्रमुख है। परिचर्चा में डॉ.आर.सी. ठाकुरप्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्माश्री रमण सोलंकीप्रो. प्रशांत पौराणिक आदि ने सहभागिता की थी। यह संगोष्ठी महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ एवं शिप्रा शोध संस्कृति समितिउज्जैन के सहकार से आयोजित की गई थी।

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