महाकाल मंदिर में वीआईपी लोगों द्वारा नियमों का उल्लंघन
महाकाल मंदिर में वीआईपी लोगों द्वारा नियमों का उल्लंघन एक गंभीर मुद्दा बन गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे, श्रीकांत शिंदे, और उनके साथियों का गर्भगृह में बिना अनुमति प्रवेश करना न केवल मंदिर के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह आम श्रद्धालुओं के प्रति भी अन्याय है।
महाकाल मंदिर में पिछले एक साल से गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है, जिससे केवल पुजारी ही अंदर जा सकते हैं। इस नियम का उद्देश्य भक्तों की संख्या को नियंत्रित करना और शिवलिंग के संरक्षण को सुनिश्चित करना है। बावजूद इसके, बार-बार वीआईपी लोगों का नियम तोड़ना गंभीर सवाल खड़ा करता है कि ऐसा क्यों हो रहा है और जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा रोकने के प्रयास क्यों नहीं किए जा रहे हैं।
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने इस मुद्दे पर विरोध जताते हुए कहा कि आम श्रद्धालुओं को दूर से दर्शन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि वीआईपी लोग गर्भगृह में बिना किसी अनुमति के प्रवेश कर रहे हैं। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मंदिर की व्यवस्थाओं की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है।
इस स्थिति में उचित कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि मंदिर के नियमों का पालन हो सके और आम भक्तों के प्रति समानता बनी रहे।