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डी.आई.जी. होमगार्ड/एसडीईआरएफ ने महाकाल मंदिर सुरक्षा को लेकर बैठक ली मंदिर में होमगार्ड बल की तैनाती के संबंध में डीआईजी ने दिये निर्देश


उज्जैन- मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देशानुसार महाकाल मंदिर एवं महालोक की
सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था आगामी दिवस में होमगार्ड विभाग को सौंपी जानी है। इसके लिये आगामी दिनों में
लगभग 500 नवीन होमगार्ड जवानों की भर्ती भी की जानी है। महाकाल की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में
होमगार्ड एवं एसडीईआरएफ के डी.आई.जी श्री मनीष अग्रवाल द्वारा गुरुवार को महाकाल मंदिर कंट्रोल रूम में
बैठक आयोजित की गई। इसमें डिवीजनल कमाण्डेन्ट होमगार्ड श्री रोहिताष पाठक, डिस्ट्रिक्ट कमाण्डेन्ट, होमगार्ड
श्री संतोष कुमार जाट, महाकाल मंदिर सहायक प्रशासक श्री जुनवाल, महाकाल मंदिर सुरक्षा प्रभारी प्लाटून
कमाण्डर सुश्री हेमलता पाटीदार, होमगार्ड के अधिकारी एवं मंदिर में तैनात प्रायवेट सुरक्षा एजेंसी क्रिस्टल के
अधिकारी, कर्मचारी सहित मंदिर समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
डी.आई.जी द्वारा महाकाल मंदिर सहित महालोक का भ्रमण कर मंदिर परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार
सहित अन्य इंट्री पाइंट, पार्किंग स्थल, व्हीआईपी इंट्री पाइंट, मानसरोवर गेट का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था
को रिव्यू किया गया। डी.आई.जी द्वारा दर्शन व्यवस्था को आदर्श बनाने हेतु कई निर्देश दिये गये, जिसमें
मुख्यतः रिस्पोंस टाईम को न्यूनतम करना, श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुलभता हो, विभिन्न आपदाओं जैसे
भगदड, आगजनी आदि को लेकर मंदिर में समय-समय पर मॉकड्रिल आयोजित करने, जिससे आपदा की स्थिति
में समय से रिस्पोंस किया जाकर जन हानि को रोका जा सके। इसके साथ ही मंदिर परिसर में नवीन निर्माण
के अनुसार एस.ओ.पी. एवं सुरक्षा प्लान तैयार किये जाने, महाकाल मंदिर कंट्रोल रूम को और अधिक प्रभावी
बनाकर विभिन्न ऐंजेसियों के बीच बेहतर समन्वय बनाने, मंदिर में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों के बीच
स्पष्ट कार्य विभाजन हो, जिससे प्रत्येक कर्मचारी की व्यक्तिशः जिम्मेदारी तय की जा सके। साथ ही दर्शन
करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिये रूट चार्ट जगह-जगह पर लगाये जाने, जिससे की उन्हें परिसर में भटकना
न पडे एवं मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा में लगे जवानों की 10 दिवसीय ट्रेनिंग इस
बात को ध्यान में रख कर की जाये कि उनका व्यवहार श्रद्धालुओं के प्रति आदरपूर्वक एवं विनम्र हो। साथ-साथ
जवानों को ड्यूटी पर तैनात करने से पूर्व सम्पूर्ण मंदिर परिसर का विजिट कराया जाये, जिससे कि वे मंदिर
परिसर से भलीभांति परिचित हो सकें। बल की तैनाती करते समय पीक आवर को ध्यान में रखा जाये, जिससे
उस समय ज्यादा बल मंदिर परिसर में उपलब्ध हो। साथ ही मंदिर को विभिन्न झोन में बांटकर झोन प्रभारी
नियुक्त किये जायें एवं कंट्रोल रूम से प्रत्येक घण्टे सुरक्षा संबंधी अपडेट लिया जाये।

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