विश्वविद्यालय, महाविद्यालय में अकादमिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जायेंगी -उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार उच्च शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में भारतीय ज्ञान परंपरा शीर्ष समिति की बैठक हुई
उज्जैन- उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में गत दिवस मंत्रालय में भारतीय ज्ञान परंपरा शीर्ष समिति की बैठक हुई। बैठक में
विश्वविद्यालय/सम्भागीय कार्यशालाओं की जानकारी और समस्त विश्वविद्यालयों के माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्परा को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षकों के प्रशिक्षण की समीक्षा की गई। मंत्री श्री परमार ने विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा कर समस्त विश्वविद्यालय, महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परम्परा विविध संदर्भ को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न अकादमिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिये। बैठक में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के लिए पुस्तकों की सूची का अवलोकन एवं अनुमोदन हुआ, साथ ही मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी लेखकों द्वारा पुस्तकों की सूची का विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण पर भी चर्चा की गई। मंत्री श्री परमार ने स्नातक प्रथम वर्ष के पाठयक्रम का रिव्यू करते हुए पाठ्यक्रम निर्माण 20 नवम्बर 2024 तक, चिन्हित लेखकों द्वारा पाण्डुलिपि का निर्माण 31 जनवरी 2025 तक, पाण्डुलिपि का परीक्षण फरवरी 2025 तक तथा
पुस्तकों का प्रकाशन मई 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये। मंत्री श्री परमार ने कहा कि पाठय पुस्तकों में स्थानीय समुदाय/जनजातीय समुदाय की आस्था, स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान, प्रकृति के प्रतिश्रद्धा-समन्वय के भाव का समावेश होना चाहिये। सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी करने वाले विद्यार्थियों को पुरूस्कृत किया जाना चाहिए। श्री परमार ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में विद्यार्थियों को अध्ययन केंद्रो का भ्रमण कराया जाये। शिक्षा के लिए समाज को योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। विद्यादान जैसा अभियान चलाकर समाज की सहभागिता प्राप्त की जाना चाहिये।