बैण्डबाजे के साथ निकाली गई गाय की शवयात्रा, महाकाल की नगरी में हुई गौ माता की अनोखी विदाई
उज्जैन - 18 साल तक एक परिवार के साथ रहने के बाद गाय की मौत पर परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार परिवार के सदस्य की तरह पूरे विधि विधान से किया। जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में सुर्खियां बन गईं। शवयात्रा को देखने वाले भी इस वाक्ये पर अचरज व्यक्त कर रहे थे। परिवारजनों ने गौमाता का अंतिम संस्कार बैंडबाजे और नगर परिक्रमा के साथ किया।
गाय के मरने पर हंगामा और प्रदर्शन होते तो देश के कई हिस्सों में देखा गया है, आपने भी देखा होगा। लेकिन धर्म की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन में एक गाय का अंतिम संस्कार अनूठे तरीके से किया गया। अंतिम संस्कार के लिए शव वाहन भी सजाया गया और बैंडबाजे भी बुलाए गए। इसके बाद गौमाता की अंतिम यात्रा निकाली गई और श्मशान घाट ले जाकर पूरे विधि विधान से गाय का अंतिम संस्कार किया गया। इस शवयात्रा में क्षेत्रीयजनों के अलावा हिन्दुवादी संगठन के सदस्य भी शामिल हुए।
ये वाक्या नानाखेड़ा क्षेत्र में न्यू इंदिरा नगर का है। यहां रहने वाले मोतीराम मकवाना और उनका परिवार बीते 18 वर्षों से गाय की सेवा करते आ रहे थे। दो दिन पहले इस गाय की मौत होने पर उनके परिवार ने शोक मनाया और विधि विधान के साथ गौमाता का अंतिम संस्कार किया। मोतीराम का कहना था कि गौ माता की सेवा और सम्मान सभी को करना चाहिए। ये गाय उनके घर की सदस्य की तरह थी, इसलिए विधि विधान से उसे विदाई दी गई। गाय के मरोणोपरांत ब्राम्हण और कन्या भोज भी करवाया गया। इस गाय से हुए बच्चों को उन्होंने कभी भी बेचा नहीं, बल्कि अपने परिवार की बहन बेटियों को दान स्वरूप भेंट किया है।