भगवान महाकाल होली तक करेंगे गर्म जल से स्नान, तीन आरतियों के समय में परिवर्तन
उज्जैन - वर्षों पुरानी कहावत है - मानो तो पत्थर में भी भगवान होते हैं। ये कहावत उज्जैन के मंदिरों में लागू होती है, जहां सर्दी का मौसम शुरू होते ही भगवान के खानपान से लेकर सोने-जागने और श्रृंगार तक में बदलाव देखने को मिलता है। जिसकी शुरूआत होती है राजाधिराज बाबा महाकाल के मंदिर से। हर साल सर्दियों को देखते हुए मंदिर के कई नियमों में बदलाव किया जाता है। जिसके तहत कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से फाल्गुन पूर्णिमा यानी होली तक भगवान महाकाल को गर्म जल से ही स्नान करवाया जाता है। इसके साथ ही तीन आरतियों के समय में भी बदलाव किया जाता है।
ये होता है आरतियों का समय
18 अक्टोबर से वर्तमान में प्रतिदिन सुबह 7 बजे होने वाली बालभोग आरती सुबह साढ़े सात बजे से होगी, इसी तरह सुबह 10 बजे की भोग नैवेद्य आरती साढे़ दस बजे होगी। जिसके चलते सर्दी में भगवान आधा घंटा देरी से भोजन करेंगे। संध्या आरती, जो वर्तमान में शाम सात बजे की जा रही है वह अब आधा घंटा पहले यानी प्रतिदिन शाम 6ः30 बजे से होगी। शेष दोनों आरतियां, प्रातः आरती जिसे भस्मारती कहा जाता है (तड़के 4 बजे) और शयन आरती (रात्रि 10ः30 बजे) पूर्व के निर्धारित समय अनुसार ही चलती रहेगी। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी बताते हैं कि शीत ऋतु तक इस परंपरा का निर्वाह नियमित रूप से किया जाता रहेगा।