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चौबीसखंबा मंदिर में माताओं को लगाया मदिरा भोग, कलेक्टर ने नगर की सुख-समृद्धि के लिए किया देवियों का पूजन


उज्जैन - शुक्रवार को महाअष्टमी के अवसर पर नगर की सुख-समृद्धि और जन कल्याण के लिए नगर पूजा की गई। उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने माता महालया और महामाया का पूजन करते हुए उन्हें मदिरा का भोग अर्पित किया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।
    हर साल की तरह इस साल भी शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर नगर पूजा की गई। सुबह कलेक्टर नीरज सिंह चौबीस खंबा माता मंदिर पहुंचे और विधि विधान से पूजन आरंभ किया। देवी मां को पूड़ी, मीठे भजिए, नमकीन सहित अन्य सामग्री का भोग लगाने और पूजन प्रक्रिया के बाद परम्परा अनुसार मदिरा अर्पित की गई। ये पूजन इसलिए भी अनूठा होता है, क्योंकि इसमें होने वाला सारा खर्च शासकीय खजाने से किया जाता है। मान्यता है कि ये परम्परा सम्राट विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है। ऐसा बताया जाता है कि पूर्व काल में नगर की सुख समृद्धि व कल्याण के साथ अपनी प्रजा को बीमारियों से बचाने के लिए नगर के द्वारा पर विराजित इन दोनों देवियों का पूजन सम्राट विक्रमादित्य द्वारा किया जाता था, तभी से ये परम्परा चली आ रही है। सुबह सुबह होने वाले इस पूजन में सम्मिलित होने के लिए श्रद्धालु भी यहां जुट जाते हैं।
     यहां होने वाले पूजन के बाद मदिरा की धार पूरे शहर में घुमाई जाती है, जिसका अनुमानित दायरा करीब 27 किलोमीट का होता है। इस परिधि में पड़ने वाले तमाम मंदिरों के साथ भैरव मंदिरों में भी प्रसाद और मदिरा चढ़ाई जाती है। इस कार्य का जिम्मा नगर कोटवार के पास होता है, वे अपने कुछ सथियों और ढोल के साथ नगर के चयनीत मंदिरों तक जाते हैं और सभी स्थानों पर भोग अर्पित करते हैं। पूजन का समापन देर शाम तक गायत्री शक्तिपीठ के सामने बने हांडी फोड़ भैरवजी की पूजा के साथ होता है।

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