10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
उज्जैन- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक कुमार पटेल ने बताया कि प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। वर्तमान में अजीविका एवं कार्य की अधिकता का दबाव, शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा का दबाव, सामाजिक कलह, आर्थिक समस्या सहित कई उदाहरण हैं, जिनके कारण मानसिक स्वास्थ्य को खतरा प्रकट होता है। व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य उसकी भावना को मनोवैज्ञानिक ढंग से समझने की अवस्था है, जिसमें मनुष्य रोजमर्रा की साधारण मांगों को पूरा करने के लिये भावनात्मक क्षमताओं का इस्तेमाल करके समाज में आत्म-सम्मान के साथ रहता है। कई लोग मानसिक समस्या की परेशानी के चलते उग्रता का व्यवहार करने लगते हैं और अचानक ही हमारी सामाजिक दुनिया से गायब हो जाते हैं। अचानक इस प्रकार से व्यवहार करने वाले लोगों के मन में भावना आ जाती है कि उन्हें कोई नहीं समझता और उनके साथ लगातार बुरा हो रहा है। ऐसे मानसिक तनाव में वे गलत कदम उठा लेते हैं। इस प्रकार के तनाव की स्थिति में यह आवश्यक है कि हम स्वयं पर विश्वास रखें, अपने शरीर का ध्यान रखें, पौष्टिक आहार लें, व्यायाम करें, धुम्रपान एवं नशे का सेवन न करें, अपने परिवार, मित्र, पड़ोसी व नये लोगों के मुलाकात करें,
अकेले कम रहें, अपने लिये समय निकालें, अच्छे कार्य में मन लगायें, संगीत सुनें, योग करें, दूसरों की मदद लेने में संकोच न करें, आवश्यकता होने पर नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक से सलाह लें। विभाग द्वारा मानसिक रोगों से ग्रसित लोगों के पुनर्वास एवं उनमें सुधार लाने की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।