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प्राथमिक इलाज के लिए बड़े अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा


दिल्ली में जिस तरह से मोहल्ला क्लीनिक संचालित हो रहे हैं, उसी तर्ज पर पूरे मप्र में सीएम संजीवनी क्लीनिक शुरू किए जा रहे हैं। इसके पीछे उद्देश्य यही है कि लोगों को उनकी कॉलोनी-मोहल्ले में ही प्राथमिक इलाज मिल जाए, जिससे कि उन्हें बड़े अस्पताल तक नहीं जाना पड़े। उज्जैन में 15 क्लीनिक खुलेंगे, जिनमें सात की शुरुआत शहर में होने जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है व संजीवनी क्लीनिक की अच्छी बात यह है कि यहां सुबह 9 से लेकर शाम 5 बजे तक डॉक्टर रहेंगे व उपचार सुविधा लोगों को मिलेगी।

स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम के सहयोग से मोहल्लों में संजीवनी क्लीनिकों की शुरुआत कर ली है व इसके लिए भवन तैयार हो गए हैं। संजीवनी क्लीनिक में सुबह 9 से शाम 5 बजे के दौरान डॉक्टर, स्टाफ नर्स समेत फार्मासिस्ट रहेंगे। इन क्लीनिकों के खुलने से बड़ा फायदा लोगों को तो होगा ही उन्हें उनकी कॉलोनी में इलाज की सुविधा मिल जाएगी लेकिन इन्हें खोले जाने से स्वास्थ्य विभाग को भी फायदा है। जिला अस्पताल व माधवनगर अस्पताल में मरीजों का दबाव कम होगा। ओपीडी में जो रोज प्राथमिक उपचार वाले मरीजों की भीड़ लगी रहती है, उसका प्रतिशत कम हो जाएगा।

जिले में यहां पर संजीवनी क्लीनिक खुलेंगे

नागदा में 4 क्लीनिक, बड़नगर में 2 क्लीनिक, खाचरौद में 1 व महिदपुर में 1 क्लीनिक खुलेगा। सभी क्लीनिक के भवन, उपकरण व अन्य संसाधनों पर 21 से 26 लाख के करीब की राशि खर्च की गई है, ताकि यहां आने वाले मरीजों को पर्याप्त सुविधा व बेहतर उपचार मिल सके।

इन 7 क्षेत्रों में खोले जा रहे, तैयारी हुई

वार्ड 43 के देसाईनगर आंबापुरा, वार्ड 40 के मक्सी रोड स्थित विधायकनगर, वार्ड 46 के शास्त्रीनगर, वार्ड 29 स्थित रविशंकनगर, वार्ड 12 में अनंत पेठ, वार्ड क्रमांक 2 में राधा मोहन की गली, वार्ड 33 में भिक्षुक गृह के समीप संजीवनी क्लीनिक बनाए गए हैं।

202 दवाइयां रहेगी, जांच भी हो सकेगी

क्लीनिकों में इलाज ही नहीं होगा, नि:शुल्क दवाइयों की सुविधा भी मिलेगी। अस्पताल में 202 तरह की दवाइयां रहेंगी। खून, पेशाब व प्रेग्नेंसी की भी जांच हो सकेगी। 80 तरह की जांचों की सुविधा इन क्लीनिकों में उपलब्ध कराने का प्रयास होगा।

संजीवनी क्लीनिक लगभग तैयार

^शहर में सात संजीवनी क्लीनिक तैयार हो गए हैं। गांवों में भी 8 क्लीनिक खोलेंगे, इसकी तैयारी हो चुकी है। -डॉ. अशोककुमार पटेल, सीएमएचओ।

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