नगर निगम द्वारा की गई पिछले 6 सालों में 19967 श्वानों की नसबंदी
उज्जैन- आज दिनांक 04 अक्टूबर को केडी गेट क्षेत्र में श्वान को देखकर सात साल की बालिका ने दौड़ लगा दी जिसके कारण बालिका दहशत में आ गयी जिससे बालिका का दुखद निधन हो गया। जो कि एक दुखद घटना है। ज्ञात रहे कि नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा पिछले 6 सालों में 19967 श्वानों की नसबंदी का कार्य किया गया जिसमें 6 संस्थाओं ने कार्य किया था। उज्जैन नगर निगम श्वानों पर नियंत्रण हेतु लगातार भरसक प्रयत्न कर रहा है। नगर निगम द्वारा अक्टूबर माह अन्तर्गत विगत 4 दिनांे में ही 23 से अधिक श्वनों की नसबंदी की जाने की कार्यवाही सम्पादित की है नगर निगम द्वारा औसतन प्रतिदिन 8 से 10 श्वानों को पकड़कर नसबंदी किये जाने की कार्यवाह की जा रही है एवं धरपकड़ लगातार जारी है। उल्लेखनीय है कि श्वानों के सम्बंध में पशु क्रुरता अधिनियम 1960 के अन्तर्गत श्वानों को संरक्षण प्राप्त है। अर्थात श्वानों के साथ क्रुरता करने एवं अन्य जगह स्थानांतरित करने पर सम्बंधित व्यक्ति के विरूद्ध उक्त अधिनियम कि धारा आईपीसी 428/429 के तहत अपराधा पंजीयन का प्रावधान किया गया है तथापि नगर पालिक निगम उज्जैन श्वानों की बड़ती संख्या के नियंत्रण हेतु एनिमल वर्थ कन्ट्रोल नियम के अन्तर्गत श्वानांे को पकड़कर उनकी नसबंदी करे चार से पांच दिनों तक सेल्टर में रखे जाने के बाद श्वान को उसी स्थान पर छोड़ा जाता है जहां से उसे पकड़ा गया था। नगर निगम उज्जैन लगातार प्रयासरत है जिसके परिणाम स्वरूप शहर में नवजात श्वान के बच्चे बहुत ही कम देखने में आते है। उज्जैन नगर पालिक निगम शहर में हुए इस दुखद घटना से स्तब्ध है परंतु प्रसारित वीडियो में देखने से पता चलता है की बालिक श्वान को देखकर डर से भागी, श्वान ने ना तो बालिका को काटा और ना ही उस पर लपका, बालिक की निधन हार्ड बीट बढ़ने से होने की आशंका है। नगर पालिक निगम नागरिकों से अनुरोध कराता है कि नगर निगम द्वारा पशु क्रुरता अधिनियम 1960 एवं एनिमल वर्थ कन्ट्रोल नियम के प्रावधानों की बाध्यता के कारण श्वानों को पकड़कर कर, उनकी नसबंदी कर उन्हें पुनः उसी स्थान पर छोड़ता है। नागरिक श्वानों को नियमित भोजन, पानी इत्यादि दे तो वे कभी भी आपको किसी भी प्रकार का चोट नहीं पहुंचाएंगे।