मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की एमएसएमई विभाग की समीक्षा समान स्वरूप के छोटे उद्योगों की योजनाओं को युक्ति-संगत बनायें मुख्यमंत्री ने दिये स्किल्स फोर्स बनाने के निर्देश छोटे उद्योगों से जुड़े उद्यमियों को मिले पूरी सहायता
उज्जैन- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम
उद्यम जैसे ही अन्य विभागों से जुड़े छोटे-छोटे लघु उद्योगों के विकास की सुविधाजनक योजनाओं
को युक्ति-संगत बनाकर एक ही छत के नीचे लाया जाये। उन्होंने निवेशकों के मध्यप्रदेश में उद्योग
लगाने के रुख के दृष्टिगत स्किल्स बैंक बनाने के निर्देश भी दिये, जिससे उद्योगों को एक साथ वर्क-
फोर्स मिल सके।
बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप, मुख्य सचिव श्री
अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री
कार्यालय श्री संजय कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी तथा उद्योग आयुक्त एवं
एमएसएमई विभाग के सचिव श्री नवनीत मोहन कोठारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि हाल ही में राजधानी भोपाल के निकट रायसेन
जिले में स्थित औद्योगिक केंद्र मंडीदीप गए थे, तब उन्हें उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्र की
समस्याओं की जानकारी दी थी। उद्यामियों ने यह भी बताया था कि उन्होंने मंडीदीप में कुछ
आंतरिक सड़क मार्गों का निर्माण अपनी ओर से करवाया है। इस संदर्भ में गत दिवस मंत्रालय में
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि
उद्योग विभाग और सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित
निराकरण करें। औद्योगिक क्षेत्र में उद्यमियों के लिए औद्योगिक संस्थानों में भूमि विकास के साथ
ही सीवरेज व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाओं को दिलवाना सुनिश्चित किया
जाए। उद्योग से जुड़ी समस्याओं को तत्परता से हल करने के लिए उद्योग से जुड़े सभी विभाग को
ही मार्ग निकालना है। इसके लिए उद्योग विभाग नेतृत्वकारी भूमिका निभाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विभिन्न व्यापार मेले अर्थ व्यवस्था की गति को रफ्तार
प्रदान करते हैं। ग्वालियर और उज्जैन के व्यापार मेलों की तर्ज पर अन्य नगरों में भी व्यापार मेले
और उत्सव आयोजित किए जाएं।