कल निकलेगी उमा माता की सवारी
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सृष्टि के सृजनकर्ता भगवान शिव एवं उमा का पुरूष एवं प्रकृति का उत्सव उमा सांझी के रूप में मनाया जा रहा है। महोत्सव समापन अवसर पर शुक्रवार 4 अक्टूबर को महाकाल मंदिर से वर्ष में एक बार रजत पालकी में सवार होकर उमा माता की सवारी निकलेगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में उमा सांझी महोत्सव के पांच दिवसीय आयोजन के तहत मंदिर परिवार के पुजारी, पुरोहित गणो द्वारा प्राचीन सांझी की शिला पर प्रतिदिन रंगोली से संजा का निर्माण किया गया एवं भगवान श्री महाकालेश्वर के विभिन्न स्वरूपों की झांकी सजायी गई। वहीं शाम के समय मंदिर प्रांगण में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों व शालेय विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। पंच दिवसीय उमा सांझी महोत्सव के पश्चात अश्विन शुक्ल द्वितीया (चन्द्र दर्शन) 4 अक्टूबर को परम्परानुसार मंदिर प्रांगण से उमा माता की सवारी निकाली जाएगी। शुक्रवार को शाम 4 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप पूजन पश्चात उमा माता की सवारी महाकाल चौराहा, महाकाल घाटी, तोपखाना, दौलतगंज चौराहा, नईसड़क, कंठाल, सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार, कार्तिक चौक एवं मोढ़ की धर्मशाला, रामानुज कोट होते हुए माँ क्षिप्रा के तट पर पहुंचेगी। शिप्रा तट रामघाट पर जवारे, संजा विसर्जन एवं पूजन के पश्चात् सवारी कहारवाड़ी, बक्षी बाजार एवं महाकाल रोड़ होते हुए वापस श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचेगी। सवारी में श्री उमा माता पालकी में रजत का विग्रह, डोल रथ पर गरूड़ व माताजी की प्रतिमा तथा भगवान श्री महेश विराजित होकर निकलेंगे।