प्रो. अर्पण भारद्वाज विक्रम विश्वविद्यालय के नए कुलगुरू, राजभवन से कुलाधिपति ने जारी किया आदेश
उज्जैन - इंदौर के देवी अहिल्या विश्व विद्यालय के बाद उज्जैन के विक्रम विश्व विद्यालय में भी नए कुलगुरू की नियुक्ति के आदेश राजभवन से जारी कर दिए गए। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गुरूवार को आदेश जारी कर उज्जैन के शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अर्पण भारद्वाज को चार वर्ष के लिए कुलगुरू नियुक्त किया। प्रो. भारद्वाज विक्रम विश्वविद्यालय के 32वे कुलगुरू के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे। पूर्व कुलगुरू प्रो. अखिलेश कुमार पांडे ने 14 सितंबर 2020 को पद संभाला था, उनका कार्यकाल 13 सितंबर 2024 को पूर्ण हो चुका है।
आपको बता दे कि विक्रम विश्वविद्यालय में नए कुलगुरू की नियुक्ति के लिए राज्यभवन को प्राप्त आवेदन के बाद स्क्रुटनी कर 11 प्रोफेसर के नाम निकाले गए थे। इसके बाद चयनीत तीन प्रोफेसर्स की राजभवन में 27 सितंबर साक्षात्कार प्रक्रिया हुई, जिसमें उज्जैन, रीवा, जबलपुर के प्रोफेसर शामिल हुए थे। इस प्रक्रिया के बाद तीन नामों का लिफाफा राज्यपाल को सौंपा गया। 3 अक्टूबर को विक्रम विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र शर्मा, शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अर्पण भारद्वाज व अवधेश प्रताप सिंह, रीवा के कैमेस्ट्री विभागाध्यक्ष प्रो. आरएन पटेल को राजभवन बुलाया गया था। राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विश्वविद्यालय के विस्तार व विकास पर चर्चा करने के बाद कुलगुरू का चयन कर प्रो.अर्पण भारद्वाज के नाम के आदेश जारी कर दिए। प्रो. भारद्वाज का कुलगुरू पद के लिए नाम चयनीत होने के बाद माधव विज्ञान महाविद्यालय व विक्रम विश्वविद्यालय में खुशी की लहर फैल गई। शिक्षक अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रो. भारद्वाज को मोबाईल पर बधाई दी। माना जा रहा है कि कुलगुरू प्रो. अर्पण भारद्वाज 4 अक्टूबर को विक्रम विश्वविद्यालय पहुंचकर पदभर ग्रहण कर सकते हैं।
माधव सांईस कॉलेज को दिलाई उपलब्धि
गौरतलब है कि प्रो. भारद्वाज के प्राचार्य कार्यकाल के दौरान उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय को जुलाई 2022 में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से सर्वाेच्च ’’ए-प्लस प्लस’’ ग्रेड प्राप्त करने वाला शासकीय महाविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ है। सम्पूर्ण राष्ट्र में ये ग्रेड सिर्फ 28 महाविद्यालय को प्राप्त है। प्रो. भारद्वाज प्राचार्य पद के पहले उच्च शिक्षा विभाग में अतिरिक्त संचालक के पद का भी दायित्व निभा चुके है।