बुधवार की रात लगेगा सूर्य को ग्रहण, रिंग ऑफ फायर का दिखेगा नजारा, भारत में मान्य नहीं होगा सूतक काल
उज्जैन - ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों नक्षत्रों की तरह ग्रहण का भी बड़ा महत्व बताया गया है। नवरात्रि से ठीक पहले 2-3 अक्टूबर के दरम्यिान साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगेगा। यह सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसे रिंग ऑफ फॉयर कहते हैं। रिंग ऑफ फायर तब बनता है जब चांद सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है और सूर्य की गोलाई का सिर्फ सिरा ही नजर आता है। इस खगोलीय घटना में पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा के पहुंच जाने से कुछ देशों में सूर्य का कुछ भाग दिखाई देना बंद हो जायेगा। इससे इन स्थानों पर वलयाकार ग्रहण तो कुछ स्थानों पर आंशिक ग्रहण देखने को मिलेगा।
6 घंटा 4 मिनट ग्रहण की अवधि
पंचाग के अनुसार, साल 2024 का अंतिम सूर्य ग्रहण 2-3 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगेगा। ग्रहण की शुरुआत 2 अक्टूबर की रात 9 बजकर 13 मिनट से होगी और समाप्ति रात 3 बजकर 17 मिनट पर होगी, ग्रहण का मध्यकाल रात्रि सवा 12 बजे रहेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, क्योंकि जब ग्रहण होगा तब यहां पर रात रहेगी, ऐसे में सूतककाल भी मान्य नहीं होगा।
इन स्थानों पर दिखेगा ग्रहण
इस बार का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इस ग्रहण को अर्जेन्टीना, चिली में एन्यूलर या वलयाकार ग्रहण के रूप में देखा जा सकेगा। इसके अतिरिक्त फिजी, उरूग्वे, ब्राज़ील पेरू आदि देशों में पार्शियल या आंशिक सूर्यग्रहण के के रूप ग्रहण दिखाई देगा। भारत में दिखाई देने वाला ग्रहण 2027 में 2 अगस्त को पड़ेगा।
ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण बुध के स्वामित्व वाली राशि कन्या पर लगेगा। उस समय सूर्य, बुध, चंद्रमा और केतु एक साथ विराजमान रहेंगे, जिससे चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा। चतुग्रही संयोग और सूर्य ग्रहण का 12 राशियों पर अलग अलग प्रभाव दिखने को मिलेगा। वृश्चिक, धनु, तुला, कन्या राशि के जातकों के लिए ग्रहण शुभ साबित हो सकता है। वृषभ, कुंभ और मकर पर इसका मिलाजुला प्रभाव रहेगा। मेष, कर्क, सिंह मिथुन, मीन के जातकों को थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है।
ग्रहण है एक खगोलीय घटना
जब भी कोई ग्रहण लगता है, तो उस घटना को खगोलीय घटना माना जाता है। इसी साल 2024 में 8 अप्रैल को लगे साल के पहले पूर्ण सूर्य ग्रहण को भी उत्तरी अमेरिका, मेक्सिको, यूनाइटेड स्टेट्स और कनाडा में देखा गया था। ग्रहण को आसमान में घटित होने वाली सबसे अद्भुत खगोलीय घटना में से एक माना जाता है, इसे देखने के लिए खगोल शास्त्री और वैज्ञानिक लंबा इंतजार करते हैं।