"जैव संबंधी प्रजातियों को आहार में जरूर शामिल करें: डॉ. ए.के. दिक्षित
उज्जैन- राष्ट्रीय पोषण माह में "सभी के लिए पोष्टिक आहार" थीम के अंतर्गत एकीकृत बाल विकास प्रोजेक्ट की सुपरवाईजर्स को कृषि विज्ञान केन्द्र. (रा.वि.सिं.कृ.द्वि.वि.) उज्जैन में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें डॉ. ए. के. दिक्षित, प्रधान वैज्ञानिक एवं संस्था प्रमुख ने समस्त प्रतिभागियों को भोजन में संतुलित आहार के महत्व को समझाते हुए बायोफोर्टीफाईड प्रजातियों को दैनिक आहार में अनिवार्य रूप से शामिल करने का सुझाव दिया। साथ ही इसके महत्व को भी समझाया एवं बायोफोर्टीफाईड गेहूं की किस्म पूसा अहिल्या एवं पूसा वाणी के बारे में विस्तृत से बताया साथ ही भारत में पाई जाने वाली डायबिटीज, हायपर टेन्शन, थायराईड, ओवेसिटी, तथा बच्चों में पाई जाने वाली क्याशिऑकर एवं मरास्मस बीमारी के बारे में चर्चा की। डॉ. रेखा तिवारी वरिष्ठ वैज्ञानिक ने भारतीय मूल के उपेक्षित फलों जैसे केर, कबीट, स्टार आंवला, विलाइती इमली, रामफल लसोडा, गूलर तथा बेर आदि फलो के औषधियों गुणों एवं इसके मूल्य संवर्धन के बारे में विस्तार से बताया। दैनिक आहार में घुलनशील एवं अधुलनशील विटामिन के बारे में बताया। प्रशिक्षार्थियों को अंकुरित अनाज की जानकारी दी। संस्था के डेयरी यूनिट, वर्मी यूनिट, रेनवाटर हार्वेस्टिंग यूनिट, बायो गैस यूनिट तथा अजोला एवं गोटरी यूनिट का भ्रमण कराया। कार्यक्रम के मूल्यांकन हेतु पूर्व एवं पश्चात् प्रश्नावली दी गई जिससे उनके ज्ञान अद्यतन का आकलन हो सके। उज्जैन जिले के कुल 26 सुपरवाईजर लाभांवित हुए। महिला एवं बाल विकास योजना के सिद्दकी सर तथा डॉ. एस. के कौशिक श्री डी.के. सूर्यवंशी एवं श्री अजय गुप्ता तथा श्रीमती सपना सिंह का विशेष योगदान रहा। कृषि महाविद्यालय इन्दौर के रेडी के छात्रों ने भी कार्यक्रम में सहयोग प्रदान किया।