हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह संपन्न
*हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह संपन्न* *=======================* राष्ट्रीय हिंदी दिवस (हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह) के अवसर पर वर्ल्ड नेटवर्क फॉर प्रमोशन ऑफ हिंदी, नई दिल्ली और चॉइस कॉलेज, पुणे के संयुक्त तत्वावधान में 27 सितंबर 2024 को पुणे के वाईएमसीए क्लब के हॉल में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए “जीवन गौरव सम्मान” एवं “हिंदी गौरव सम्मान” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ पुणे के प्रसिद्ध हिंदी “दैनिक भारत डायरी” के संस्थापक-संपादक श्री अशोक जी अग्रवाल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर किया गया। इसके बाद, उद्घाटन सत्र का प्रारंभ प्रख्यात लेखक और स्तंभकार डॉ. रणजीत सिंह अरोरा 'अर्श' के कर-कमलों से हुआ। डॉ. अर्श ने अपने उद्घाटन भाषण में सभी उपस्थित साहित्यकारों का स्वागत किया और वर्ल्ड नेटवर्क फॉर प्रमोशन ऑफ हिंदी संस्था का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रोफेसर डॉ. आफताब अनवर शेख, प्राचार्य और अध्यक्ष, वर्ल्ड नेटवर्क द्वारा की गई। डॉ. शेख ने अपने भाषण में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए इस संस्था के योगदान और भविष्य की योजनाओं का वर्णन किया, जिसमें नई पीढ़ी के लेखकों, कवियों और साहित्यकारों को प्रोत्साहन देने का विशेष उल्लेख किया गया। इस अवसर पर आपने घोषणा कि प्रत्येक वर्ष ‘दैनिक भारत डायरी” अखबार के संस्थापक, संपादक दिवंगत श्री अशोक अग्रवाल जी की स्मृति में हिंदी के स्थानीय साहित्यकारों को सम्मानित कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा| इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. अलका पोतदार, बाल भारती की प्रमुख साहित्यकार, थीं, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई। विशेष अतिथि के रूप में श्रीमती मीनाक्षी भालेराव और श्री महेंद्र पवार माणिक जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नीलम जैन ने की, जिन्होंने हिंदी भाषा के प्रति साहित्यकारों के समर्पण और प्रेम की प्रशंसा की। समारोह के दौरान संस्था की ओर से पुणे के 8 वरिष्ठ और प्रतिष्ठित साहित्यकारों को "जीवन गौरव पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्राप्त करने वाले साहित्यकार निम्नलिखित हैं: 1. डॉ. नीलम जैन – प्रख्यात साहित्यकार और शिक्षाविद्, जिनका हिंदी साहित्य में योगदान अद्वितीय है। 2. डॉ. रणजीत सिंह अरोरा – प्रसिद्ध लेखक और स्तंभकार, जिन्होंने हिंदी साहित्य और सिख इतिहास पर उल्लेखनीय कार्य किया है। 3. डॉ. अलका पोतदार – बाल भारती की प्रमुख साहित्यकार, जिन्होंने बाल साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया है। 4. मीनाक्षी भालेराव– कवित्री और अक्षर-अक्षर कविताओं का मंच की अध्यक्ष, जो हिंदी कविता में अपनी विशेष पहचान रखती हैं। 5. महेंद्र माणिक पवार – केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधान शाला के पूर्व वैज्ञानिक और प्रख्यात हास्य कवि, जिनकी लेखनी ने पाठकों को प्रेरित किया है। 6. प्रा. उद्धव महाजन बिस्मिल– महासचिव, "प्रयास" हिंदी, उर्दू, मराठी साहित्य अकादमी, जिनका साहित्यिक योगदान उल्लेखनीय है। 7. डॉ. शुभदा मोघे– वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक और कवित्री, जो हिंदी साहित्य में अपने सृजनात्मक योगदान के लिए जानी जाती हैं। 8. डॉ. अरुणाचलन चेट्टियार – सेवा निवृत्त प्राचार्य और वरिष्ठ अधिवक्ता, जिन्होंने हिंदी और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कार्य किया है। इसके साथ ही, पुणे शहर के अन्य साहित्यकारों को "हिंदी गौरव सम्मान" से विभूषित कर सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। यह सम्मान प्राप्त करने वालों में 1- श्रीमती सुरभि अपलेश 2- डॉ. मिलिंद बनकर 3. डॉ. प्रेरणा उबाले 4- डॉ. ममता जैन 5- श्रीमती भावना गुप्ता विगो 6- डॉ. शकीला मूल्ला 7- डॉ. बालासाहेब सोनवने 8- श्रीमती प्रतिभा श्रीवास्तव 9- श्रीमती दीपिका कटरे 10- श्री रविकिरण गलंगे 11- डॉ. निर्मला राजपूत 12- डॉ. टिकम शेखावत इत्यादि सभी साहित्यकारों का सम्मान किया है| कार्यक्रम में अन्य प्रमुख साहित्यकार भी शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शाकिर शेख द्वारा किया गया, जबकि आभार प्रदर्शन डॉ. बाबा शेख ने किया। अंत में, वर्ल्ड नेटवर्क फॉर प्रमोशन ऑफ हिंदी की ओर से सभी साहित्यकारों को भविष्य में उनके लेखन कार्य के लिए शुभकामनाएँ दी गईं।