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हृदय रोग से बचाव के लिये स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी विश्व हृदय दिवस 29 सितम्बर को


उज्जैन- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक कुमार पटेल ने बताया कि
वर्तमान में आरामदायक जीवनशैली के कारण खान-पान मे हुए परिवर्तन के कारण तेज गति से हृदय संबंधी
बीमारियां सामने आ रही हैं। विश्व हृदय दिवस लोगों को अपने आपको स्वस्थ्य रखने के लिये एवं किसी
प्रकार से एक स्वस्थ्य हृदय कार्य करता है, यह बताने के उद्देश्य से एवं जनजागृति हेतु विश्व हृदय दिवस
मनाया जाता है। हार्ट या दिल मांसपेशियों से बना एक पम्प है, जो सारे शरीर में रक्त प्रवाह का संचालन
करता है। शरीर के सभी अंगों को जीवित रहने के लिए एवं सुचारू रूप से कार्य करने के लिए ऑक्सीजन,
ग्लूकोज व कई अन्य महत्वपूर्ण तत्वों की निरंतर जरूरत रहती है। यह सभी खून द्वारा ही विभिन्न अंगो
तक पहुंचाये जाते हैं। इस प्रकार हम देखते है कि जीवित रहने का आधार निरंतर रक्त प्रवाह ही है। इस
रक्त प्रवाह को निरंतर जारी रखने का काम जो पम्प करता है वह दिल ही है।
हृदय को काम करने के लिये स्वयं ऑक्सीजन एवं ग्लूकोज कि जरूरत होती है। हृदय की
मांसपेशियों को खून पहुंचना बन्द हो जाए तो ऐसी स्थिति को हार्ट-अटैक कहते है। ऐसी स्थिति में मरीज
को छाती में तीव्र दर्द होता है, बेचैनी एवं घबराहट महसूस होती है तथा पसीना भी आता है। यदि हृदय के
बड़े भाग में खून पहुंचना बंद हो जाये तो वहां की मांसपेशियां निष्क्रिय हो जाती है। इससे हृदय खून पम्प
नहीं कर पाता और मरीज का ब्लड प्रेशर गिरने लगता है एवं मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। सही समय

पर इलाज न मिलने से हार्ट-अटैक के बाद लगभग 15 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु कुछ ही घंटो में ही हो
सकती है। समय से उचित इलाज करने पर इस मृत्यु दर को लगभग आधा किया जा सकता है।
कोलेस्ट्राल के बढ़े रहने से नलिकाओं की अंदरूनी सतह पर वसा के थक्के जम जाते है एवं मधुमेह
में शुगर बढ़े होने से इन्हीं के ऊपर खून के थक्के भी जमने लगते है। यही सब प्रक्रियाएं धीरे-धीरे नलिकाओं
को सिकोड देती है। ऐसी किसी भी जगह पर एकाएक खून के जम जाने से नलिकाएं पूरी तरह चोक हो
जाती है एवं मरीज को हार्ट-अटैक हो जाता है। यदि हार्ट-अटैक होने के लगभग 3-4 घंटे के अंदर ही खून के
थक्के घुलने की दवाईयां मरीज को दी जाये तो रूकावट दूर की जा सकती है एवं हृदय की मांसपेशियों को
बचाया जा सकता है। आमतौर पर हार्ट-अटैक के प्रमुख लक्षण सीने के बीचों-बीच तीव्र दर्द होना एवं पसीना
आना है। यह दर्द बायें हाथ में, जबड़ों में, दोनों हाथों एवं कंधों मे भी महसूस किया जा सकता है।
हार्ट-अटैक की संभावनाओं को बढाने वाली स्थितियां- हाई बी.पी. (हाइपरटेंशन), मधुमेह, खुन में
वसा के अनुपात में गड़बड़ी, मोटापा, व्यायाम की कमी, धुम्रपान या तम्बाकु का सेवन, गरिष्ठ एवं वसा
युक्त भोजन, अनुवांशिकता-खून के रिश्ते में मधुमेह, हाई बी.पी. या हृदय रोग का होना।
हार्ट अटैक से बचाव- वजन पर नियंत्रण, नियमित व्यायाम, मानसिक तनाव से दूर रहें, स्वस्थ खान
पान रखें, तेलीय खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।

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