दिनांक 01 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जायेगा जब आप छोटे थे माता-पिता ने आपको संभाला, इसलिये जब वे वृद्ध हो जाये तो आप भी उन्हें संभाले
उज्जैन- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार पटेल द्वारा
जानकारी देते हुए बताया कि, प्रतिवर्ष 01 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। आज
की दुनिया मे हमारे समाज में बुजुर्गों के योगदान और उनकी बढ़ती उम्र के मुद्दे, चुनौतियों को ध्यान में
रखकर जागरूकता फैलाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है।
डॉक्टर पटेल ने जानकारी दी कि प्राय: किसी भी समय 50 प्रतिशत बुर्जुग किसी न किसी रोग से
ग्रसित होते है। सर्वे में पाया गया कि 75 प्रतिशत को तो दो या दो से अधिक बीमारियों हो जाती है।
वृद्धावस्था में आर्थोराईटिस, हार्ट डिसीज, पार्किंसन्स, अल्जाइमर्स, पॉलीमेलगिया, रियूमेट्रजम जैसी बीमारियां
होती है। कई बार बुजुर्ग चलने-फिरने में तकलीफ महसूस करते है, अचानक गिर पड़ते है, याददाश्त कमजोर
हो जाती है, बौद्धिक क्षमता मे गिरावट आ जाती है यह सभी समस्याएं अक्सर बढ़ती उम्र मे आती है।
इसी के साथ वृद्धजन की कार्य क्षमता में गिरावट आ जाती है, बहरापन भी देखा जाता है। अलग-अलग
बीमारियों में उनके निदान के लिये अलग-अलग उपचार की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य विभाग का प्रमुख
उद्देश्य उनके रोगों का ईलाज करना, उन्हें नियंत्रित करना, कार्य करने में उन्हें सक्षम बनाना, जीवन के
प्रति सकारात्मकता पैदा करना और उनके दुखों को कम करना है। प्रायः विभाग पुनर्वास के स्थान पर
अपेक्षा करता है कि परिजन ही उनका ध्यान रखें।वृद्धावस्था में स्वस्थ्य रहने के लिये यह उपाय करना
चाइए लगातार पोष्टिक खाना खाए,व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखे,नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम
करें और टहले,अच्छी नींद ले,धूम्रपान,अल्कोहल के सेवन से बचे,सामाजिक गतिविधियों में शामिल हो और
जीवन मे प्राप्त अनुभवों को साझा करे, छड़ी और वॉकर जैसे उपकरणों का प्रयोग करे,नियमित रूप से ब्लड
प्रेशर, ब्लड शुगर और अन्य आवश्यक जांचे करवाए,भूख न लगना, वजन में कमी आना, दिखने में परेशानी
आना, शरीर में सुन्नपन महसूस होना इस प्रकार के संकेतो को अनदेखा न करें और तुरन्त उपचार करवाए।