नए सिरे से होंगे टेंडर:पितरों के तर्पण वाले गया कोठा को छह साल बाद अब अव्यवस्थाओं से मिलेगा मोक्ष,
गया कोठा तीर्थ का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कार्य छह साल बाद अब हो सकेगा। धर्मस्व विभाग द्वारा राशि जारी नहीं करने पर ठेकेदार काम बंद कर चला गया था, तभी से अव्यवस्था के बीच ही हर साल श्राद्ध पक्ष में तीर्थ यात्री पितरों का तर्पण पूजन करते आ रहे हैं।
भास्कर ने इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद गुरुवार को संभागायुक्त संजय गुप्ता खुद मौके पर पहुंचे व गया कोठा की दुर्दशा का जायजा लिया। संबंधित विभाग व निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को संभागायुक्त ने चेतावनी देते हुए कहा कि नए सिरे से टेंडर निकालें, जल्द से जल्द गया कोठा तीर्थ का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण हाेना चाहिए। गया कोठा तीर्थ पर संभागायुक्त गुप्ता करीब एक घंटा रुके। इस दौरान यहां तर्पण कुंड से लेकर फल्गू नदी की दुर्दशा भी देखी। इस दौरान पूजन करने आए लोगों समेत पंडितों से भी जानकारी ली।
भास्कर से चर्चा में संभागायुक्त ने कहा कि धर्मस्व विभाग से गया कोठा तीर्थ के लिए जो राशि आवंटित होना था, उसे रिलीज करवा रहे हैं। तीर्थ स्थल ही तालाब को भी बहुत सुंदर बनाएंगे। इतना ही नहीं अधिकारियों से ये भी कहा है कि गया कोठा तीर्थ को पक्की बाउंड्रीवाल से सुरक्षित करें, जब तक बाउंड्रीवाल नहीं बन जाती तार फेंसिंग कराए। इस दौरान हाउसिंग बोर्ड के उपायुक्त यशवंतसिंह डोडिया, कार्यपालन यंत्री गुप्ता, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी अहिरवार व हाउसिंग बोर्ड व पीडब्ल्यूडी के अन्य अधिकारी साथ रहे।
जब तक काम शुरू नहीं होता, साफ-सफाई रहे संभागायुक्त गुप्ता ने तालाब के सौंदर्यीकरण व साफ-सफाई, तर्पण के लिए उपयोग किए जाने वाले मंदिर परिसर स्थित कुंड की साफ-सफाई एवं उसमें साफ पानी भरने एवं उसका जीर्णोद्धार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग व्यवस्था एवं संपूर्ण मंदिर परिसर में स्वच्छता का कार्य अतिशीघ्र पूर्ण करने को लिए भी कहा है। मंदिर की सुरक्षा के दृष्टिगत उन्होंने मंदिर की बाउंड्रीवाल शीघ्र पूर्ण करने के लिए कहा। साथ ही इन सभी कार्यों की निविदा आमंत्रित कर कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
गया कोठा का महत्व दीवारों पर लिखवाएंगे संभागायुक्त ने यह भी कहा कि हर कोई बिहार गयाजी नहीं जा सकता है। सबकी अपनी परिस्थिति व समय का अभाव है। ऐसे में अगर गयाजी के महत्व वाले इस तीर्थ स्थल को बेहतर बना देंगे तो और भी ज्यादा लोग यहां आएंगे, जो गयाजी नहीं जा सकते। निर्माण पूरा होने पर गया कोठा तीर्थ स्थल की दीवारों पर यहां का महत्व भी लिखवाएंगे, ताकि यहां आए तो लोगों के मन में इस स्थल के प्रति और अधिक महत्व बढ़े। उल्लेखनीय है कि गया कोठा तीर्थ महाभारतकालीन मंदिर है। यहां पर तर्पण का विशेष महत्व है।