‘कर्मयोगी श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ स्मृति सम्मान 2024’ में समाज के कर्मयोगी सम्मानित
उज्जैन - समाज की उन्नति और राष्ट्र का विकास तभी संभव है, जब हम अपने युवाओं को शिक्षा और संस्कारों से सशक्त बनाएँ। शिक्षा के बिना राष्ट्र की प्रगति संभव नहीं, और शिक्षा का सही उपयोग तब होता है, जब हम उसे समाज निर्माण में लगाते हैं। स्वर्गीय श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ ने शिक्षा को समाज सेवा का आधार माना और अपने जीवन को इसी दिशा में समर्पित किया। एक प्रकार से स्वर्गीय कुलश्रेष्ठ जी ने युवाओं को सही दिशा देकर राष्ट्र के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई। ये विचार स्व. कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ की जयंती पर वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी श्री प्रेमनारायण नागर ने भारतीय ज्ञानपीठ माधव नगर में आयोजित कर्मयोगी श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ स्मृति सम्मान 2024 के समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। श्री नागर ने कहा कि स्व कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ के जीवन के आदर्श हमें सिखाते हैं कि सच्ची सेवा वही है, जो समाज के हर वर्ग तक पहुँचे और सबको सशक्त बनाए।
इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कर्मयोगियों को ‘कर्मयोगी श्रीकृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ स्मृति सम्मान 2024’ से सम्मानित किया गया। कला के क्षेत्र में कर्मयोगी पद्मश्री श्री ओमप्रकाश शर्मा, शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित, न्याय के क्षेत्र में श्री शशिमोहन श्रीवास्तव, और चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. विजय महाडिक को यह सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर सभी विभूतियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के सम्मान समारोह समाज में नई ऊर्जा और कर्म की भावना को जागृत करते हैं। ये सम्मान पाना भी उनके लिए गौरव की बात है।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कर्मयोगी सम्मान से सम्मानित होने वाले व्यक्तित्वों को डिजिटली शुभकामनाऐं प्रेषित की। इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा कुलश्रेष्ठ विशेष रूप से उपस्थित थीं।
समारोह में स्वागत उद्बोधन श्रीमती अमृता कुलश्रेष्ठ ने दिया। कर्मयोगी सम्मान प्राप्तकर्ताओं को संस्था की ओर से संस्था प्रमुख श्री युधिष्ठिर कुलश्रेष्ठ, श्री संदीप कुलश्रेष्ठ, पूर्व कुलपति विक्रम वि.वि. प्रो. बालकृष्ण शर्मा, शिक्षाविद् श्री दिवाकर नातू, बार एसोसिएशन के श्री हरदयालसिंह ठाकुर, वरिष्ठ चार्टेड अकांउंटेन्ट श्री नितिन गरूड, श्रीमती विजयेता कानुनगो ने सम्मानित किया। सम्मानित व्यक्तित्वों के लिए अभिनंदन पत्रों का वाचन साहित्यकार श्री श्रीराम दवे, डॉ. पिलकेन्द्र अरोरा, पूर्व ए.डी.एम. व महाकाल मंदिर समिति प्रशासक श्री आर.पी तिवारी, एड्व्होकेट श्री सुरेश जैन ने किया।
अतिथि स्वागत लायंस क्लब इन्दौर के श्री चंद्रमोहन श्रीवास्तव, भारतीय स्कुल प्राचार्य श्रीमती रचना श्रीवास्तव, बी.एड. कॉलेज प्राचार्य डॉ. रश्मि शर्मा, राष्ट्रभारती स्कुल प्राचार्या श्रीमती मयुरी वेरागी, बी.आई.एफ.टी. की श्रीमती चंद्रकला नाटानी, सुश्री जयनित बग्गा, भारतीय ज्ञानपीठ महानंदा प्राचार्य श्रीमती अमृता गोडबोले, विश्वभारती प्राचार्य डॉ. हिम्मतसिंह ठाकुर ने किया। इस अवसर पर श्री सोनु गेहलोत, डॉ. शिव चौरसिया, श्री बी.के. आंजना, श्री विश्वास शर्मा, श्री अमित श्रीवास्तव डॉ. वी.के. शर्मा, डॉ. पुष्पा चौरसिया, सुश्री शीला व्यास सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन एकेडमिक डायरेक्टर डॉ. गिरीश पंड्या ने किया और आभार प्राचार्य डॉ. नीलम महाडिक ने माना।