चामुंडा चौराहे पर करोड़ों रुपए में बने पालकी उद्यान से आधे से ज्यादा सामान, मूर्तियां और रेलिंग गायब
निगम द्वारा करोड़ों का निर्माण करवाकर अधिकारियों द्वारा कैसे उसका मेंटेनेंस नहीं करते हुए रुपयों की बर्बादी की जा रही है, इसका उदाहरण शहर के सबसे मुख्य और व्यस्ततम चौराहे पर स्थित पालकी उद्यान है।
सिंहस्थ 2016 में शहर के सौंदर्यीकरण के लिए कुछ मुख्य मार्गों पर रोटरियों का निर्माण किया था। लगभग 2 करोड़ की लागत से चामुंडा माता मंदिर चौराहा पर भी रोटरी के साथ ही पालकी उद्यान बनाया गया। इसमें पालकी उठाते हुए मूर्तियां और सूर्य नमस्कार करते हुए कुछ मूर्तियां बनाई थी लेकिन अब वर्तमान स्थिति ऐसी है कि उद्यान की अधिकांश मूर्तियां टूट चुकी है और सूर्य नमस्कार की मूर्तियां तो अपनी जगह से ही गायब है। इस उद्यान में सिर्फ टूटे-फूटे सामान रखे हुए हैं। पालकी उठाने वालों के हाथ की लाठी ही गायब हो गई।
उद्यान में तीन सूर्य नमस्कार करती हुए मूर्तियां थी, जिनमें से दो गायब या चोरी हो चुकी हैं और एक का सिर गायब है। वहीं पालकी को उठाते हुए चार मूर्तियां बनाई थी, उनमें से भी अधिकांश की स्थिति खराब है व सबके हाथों में पकड़ाई लाठियां गायब है। उद्यान की 40 प्रतिशत स्टील की रेलिंग गायब है व प्लास्टिक के बनाई कलाकृतियां तोड़ी जा चुकी हैं।
साथ ही बैठने के लिए रखी गई चेयर भी तोड़ी जा चुकी है। पूरा उद्यान सुरक्षा और प्रबंधन नहीं होने के कारण तहस नहस हो चुका है, जबकि यह ऐसे चौराहे पर स्थित हैं, जहां सबसे ज्यादा लोग गुजरते हैं। इसके बाद भी निगम अपनी इस धरोहर की रक्षा नहीं कर पा रही है। मामले में जब उद्यान विभाग प्रभारी आदित्य शर्मा से बात करने प्रयास किया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।