महिलाओं की प्रेरणा:ड्रोन दीदी रूपाली आधुनिक तकनीक से फसलों पर कर रहीं उर्वरक का छिड़काव
तराना ब्लॉक के अधिकांश किसान आजकल फसल पर उर्वरक के छिड़काव के लिए ड्रोन दीदी की मदद ले रहे हैं। यह ड्रोन दीदी ग्राम ढाबला हर्दू में रहने वाली रूपाली कानड़ी है। रूपाली ने ड्रोन चलाने का सरकारी प्रशिक्षण लिया है और वे किसानों की मांग पर उनके खेतों में उर्वरक का छिड़काव करने जाती है।
जनवरी में प्रशिक्षण लेने के बाद से ही अब तक रूपाली 50 से ज्यादा किसानों के खेतों का काम ले चुकी हैं। इसके साथ ही वे आजीविका मिशन के तहत बने एफपीओ हरसिद्धि महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की डायरेक्टर भी हैं, जिसमें एक साल के अंदर 250 किसान महिलाएं शेयरधारी के रूप में जुड़ी हैं। कंपनी के माध्यम से वे महिला किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती करना सिखाती हैं व महिलाओं की इनकम बढ़ाने के लिए भी कार्य कर रही हैं।
इसके माध्यम से महिलाएं स्टार्टअप शुरू कर पाएंगी और गांवों में रहकर भी शहर तक अपने खेत के अनाज से तैयार उत्पाद बेच पाएंगी। रूपाली ड्रोन संचालन से अच्छी खासी आय प्राप्त कर रही है। इसके चलते उन्हें दिल्ली में 15 अगस्त के दिन होने वाले आयोजन में लखपति दीदी के रूप में विशेष दर्शक बनाया गया है।
एक एकड़ खेत पर उर्वरक के छिड़काव से कर रहीं 300 रुपए की कमाई
ड्रोन दीदी रूपाली ने बताया कि ससुराल से पहले घर से बाहर निकलकर काम करने की अनुमति नहीं थी लेकिन फिर मैं आजीविका मिशन से जुड़ी और नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत मेरा चयन इफको द्वारा ड्रोन दीदी के लिए हुआ। ड्रोन दीदी बनने के बाद मेरी एक अलग पहचान बन गई और मेरी कमाई भी हो रही है। इस वजह से घर वाले भी खुश है।
पहले गांव वाले मुझे जानते तक नहीं थे लेकिन अब मेरी खुद की एक पहचान है, जिससे मुझे सभी जानते हैं। ड्रोन दीदी के लिए चयन के बाद जनवरी में मेरा 15 दिन का प्रशिक्षण प्रयागराज उत्तरप्रदेश में हुआ था। मुझे 80 प्रतिशत सब्सिडी के साथ ड्रोन मिला है और मैं उसी की मदद से काम कर रही हूं। 1 एकड़ के खेत पर उर्वरक छिड़काव के 300 रुपए मिलते हैं। तराना ब्लॉक में कई जगहों से काम आया, जिसे में पूरा कर रही हूं।
कंपनी की महिलाओं के साथ मिल शुरू की आटा चक्की, नए प्रोजेक्ट पर जोर
रूपाली ने बताया कि हरसिद्धि महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के जरिए किसान महिलाओं को जोड़ने के साथ उन्हें सशक्त बनाने का काम करते हैं। एक साल में अभी 250 महिलाएं जुड़ी हैं। कंपनी द्वारा महिलाएं अपने खेतों में उगे अनाज का उपयोग कर उसके प्रोडेक्ट बना सकती हैं, जो कि सभी जगह सप्लाई किए जाएंगे। अभी जितनी किसान महिलाएं जुड़ी हैं, उनके साथ काम की शुरुआत आटा चक्की से की गई, जिसे सभी महिलाएं मिलकर चलाती हैं और गांवों में सप्लाई करने भी जाती हैं। आगे चलकर इस कार्य को बड़े स्तर पर लेकर जाने का काम करने वाले हैं व दूसरे भी कई प्रोजेक्ट शुरू करेंगे।